राजिम पुन्नी मेला में लोकरंजनी के कलाकारों ने दी सांस्कृतिक प्रस्तुति

रायपुर

राजीम पुन्नी मेला में सांस्कृतिक कार्यक्रम की श्रृंखला में शाम को लोकरंजनी लोककला सांस्कृतिक समिति रायपुर के संचालक डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर एवं साथियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी जिसमें 25 कलाकारों ने पारंपरिक लोकगीत नृत्य, सुवा, करमा, ददरिया, पंथी, भोजली, राउत नाचा, गौरा गौरी, फाग गीत, तथा छत्तीसगढ़ की पावन सरिता नदियों, पहाड़ पर्वत, देव तीर्थ स्थालो, तीज त्योहारों एवं स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान देने वाले महापुरुषों के अवदान को सुंदर गीत संगीत एवं नृत्य के माध्यम से लयबद्ध कर लोकरंजनी लोककला सांस्कृतिक मंच द्वारा प्रस्तुत की जाएगी।

संगीत में गुडूम, डफला, मोहरी, डमऊ, निशान, मंजीरा का विशेष उपयोग करते हैं आगे डा. पुरुषोत्तम चंद्राकर ने बताया कि कला के प्रति मेंरा रूझान बचपन से रहा है गांव के रामलीला एवं नाचा में बचपन से ही विभिन्न पात्र की भूमिका करते रहे लोक मंच के माध्यम से समाज में फैली हुई इस प्रथा छुआछूत भेदभाव अंधविश्वास दूर करने बेटी बचाने बेटी पढ़ाने जल संरक्षण पर्यावरण संरक्षण नदी नालों का संरक्षण के साथ सामाजिक कुरीतियों को रास्ता दिखाने का काम कर रहे हैं डॉक्टर पुरुषोत्तम चंद्राकर ने कहा कि सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए फूहड़ता का सहारा लेना ठीक नहीं है।

 मंच पर लोकरंजनी के कलाकार संचालक वरिष्ठ लोक गायक डॉक्टर पुरुषोत्तम चंद्राकर,नृत्य निर्देशक रोहित साहू संगीत पक्ष में मंशा, पवन, छतराम, देवेंद्र, गजाधर, पप्पू, गायक, बाहरू यादव, गायिका पुनेश्वरी बारले, बाली देवदास, नृत्य पक्ष में संध्या कश्यप, दुर्गा, ज्योति, मनीषा, अजय, अनिल, महेंद्र, उमेश, आदि।

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