7 दिनों से मलबे में दबा था शख्स, बचाने के लिए तीन देशों की रेस्क्यू टीम ने लगा दिया जी-जान, ऐसे बची जान

तुर्की  

तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के 8 दिन पूरे होने वाले हैं। भारत समेत कई देशों की राहत और बचाव टीमें मलबे के ढेर में जिंदगी तलाश रही हैं। दोनों देशों में बचाव कार्य के दौरान अभी भी मलबे से लोगों का जिंदा निकलना जारी है। इसी क्रम में तुर्की में भूकंप के 160 घंटे बाद एक शख्‍स को मलबे के ढेर से जीवित निकाला गया है। सोशल मीडिया पर इस शख्‍स की एक फोटो भी वायरल हो रही है।

4 घंटे की मेहनत के बाद निकाला गया

रूस के आपातकालीन स्थिति मंत्रालय ने बताया कि रूस, किर्गिस्तान और बेलारूस की बचाव टीमों ने तुर्की में भूकंप के 160 घंटे बाद रविवार को ढह गई इमारत से एक शख्स को जिंदा बाहर निकाला। मंत्रालय ने सोमवार को टेलीग्राम मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो पोस्‍ट करते हुए कहा, "व्यक्ति को मलबे से निकालने का बचाव कार्य चार घंटे से अधिक समय तक चला। लेकिन आखिरकार इस व्‍यक्ति को जीवित निकाल लिया गया।"

 रिपोर्ट के अनुसार एक अन्य शख्स को 149 घंटे के बाद मलबे से बाहर निकाला गया। उस शख्स का नाम मुस्तफा सरिगुल है। 35 साल का मुस्तफा मिर्गी रोग से पीड़ित बताया जा रहा है। इससे पहले भूकंप के चार दिन बाद गैजियांतेप स्थित एक इमारत से बचाव कर्मियों ने 17 वर्षीय अदनान मुहम्मद कोरकुत को जिंदा निकाला था। वह, 94 घंटे से मलबे में दबा था और अपना ही पेशाब पीकर जिंदा था।

मृतकों का आंकड़ा 35 हजार के पार

बता दें कि 5 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए भूकंप से मरने वालों की संख्या 35,000 के पार चली गई है और जीवित बचे लोगों को खोजने की उम्‍मीद टूटती जा रही है। इसी बीच कई देश सीरिया बॉर्डर पर रेस्क्यू ऑपरेशन छोड़कर वापस लौट रहे हैं। रविवार को इजरायल ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अपनी टीम हतजाला ग्रुप को इमरजेंसी फ्लाइट से वापस बुला लिया। इससे पहले जर्मनी और ऑस्ट्रिया ने भी अपने बचाव दलों के तुर्की से निकाल लिया था।

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