जब पंडित जवाहर लाल नेहरू की गोद में आकर सो गया था 2 माह का बच्चा और लगा था मुस्कुराने

आप सभी जानते ही हैं कि आज बाल दिवस है और यह दिन बच्चों का दिन कहा जाता है. ऐसा कहते हैं कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को बच्चों से बहुत अधिक लगाव था, इसलिए उनके जन्मदिन को बच्चों के प्रति समर्पित कर दिया गया. वहीं आज का दिन देश के भविष्य को नया रास्ता देने का है और बच्चों में छिपी हुई प्रतिभा को तलाश कर कल के बेहतर भारत की नींव डालने का है. आपको बता दें कि पंडित जवाहर लाल नेहरू को बच्चे प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे. वहीं उनका जन्म 14 नवंबर1889 को इलाहाबाद में हुआ था और उनका कहना था कि, ”आज के बच्चे कल के भारत का निर्माण करेंगे. हम उनका किस तरह पालन पोषण करते हैं यह देश के भविष्य के बारे में बताता है.” आज हम आपको बताने जा रहे हैं नेहरू जी का बच्चों से प्रेम का एक वाकया है.

वाकया- तीन मूर्ति भवन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का सरकारी निवास था. एक दिन वे इसके बगीचे में टहल रहे थे. तभी उन्हें एक छोटे बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी. नेहरूजी ने आसपास देखा तो उन्हें पेड़ के बीच एक दो माह का बच्चा रोता दिखाई दिया. नेहरूजी ने मन ही मन सोचा- इसकी मां कहां होगी? उन्होंने इधर-उधर देखा. वह कहीं भी नजर नहीं आ रही थी. उन्होंने सोचा शायद वह बगीचे में ही कहीं माली के साथ काम कर रही होगी.

नेहरूजी यह सोच ही रहे थे कि बच्चे ने रोना तेज कर दिया. इस पर उन्होंने उस बच्चे को उठाकर अपनी बांहों में लेकर उसे थपकियां दीं, झुलाया तो बच्चा चुप हो गया और मुस्कुराने लगा. बच्चे की मां ने जब प्रधानमंत्री की गोद में अपने बच्चे को देखा तो उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ. यही वजह है कि बालदिवस पर आज भी बच्चे चाचा नेहरू को याद करते हैं.

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