Raipur School Accident : बच्ची की हालत में सुधार, गुनहगार अभी भी पकड़ से बाहर

रायपुर। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी द रेडिएंट वे स्कूल में एडवेंचर गेम के दौरान हादसे में घायल बच्ची के गुनहगार अब तक पकड़ से बाहर हैं। दुर्घटना पर गंभीरता दिखाते जनचौपाल में पालकों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर रायपुर को घटना की जांच के निर्देश दिए। जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि लापरवाही करने पर मान्यता रद कर दी जाएगी। पुलिस विभाग ने कहा है कि दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा। एम्स में भर्ती घायल बच्ची कर्तिषा त्रिवेदी के पिता डॉ. सौमित्र त्रिवेदी ने बताया कि हालत में सुधार है। आइसीयू से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। पैर में फ्रैक्चर के अलावा बैक में चोट है। ब्लड जम गया है। एमआरआइ रिपोर्ट में सिर में चोट नहीं है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी, सरस्वती नगर थाना, बाल संरक्षण आयोग अपने-अपने स्तर पर जांच कर रहे हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी ने भेजी जांच टीम

जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर ने कहा कि बुधवार को विभाग से टीम स्कूल भेजी गई थी। टीम ने कई बिंदुओं पर पूछताछ की और लिखित में जवाब मांगा है। जवाब संतोषजनक न मिलने पर स्कूल की मान्यता रद कर दी जाएगी।

पालकों को दिया उल्टा जवाब, प्रबंधन बच्ची को देखने तक नहीं गया

बुधवार दोपहर को पालक स्कूल प्रबंधन से मिलने गए थे, प्रबंधन ने बेरुखी से बात की। स्कूल ने पहले से पुलिस फोर्स बुला रखी थी। पालकों ने स्कूल प्रबंधन के समीर दुबे से जब हादसे को लेकर पूछा तो उन्होंने जवाब दिया- हादसा था, जो हो गया। हम जानते हैं बच्चों को कैसे सुरक्षित रखते हैं। इस पर पालकों ने कहा कि हम अभी अस्पताल से आ रहे हैं। आप क्या बच्ची को देखने अस्पताल गए थे? इस पर समीर दुबे चुप हो गए। द रेडिएंट वे पालक संघ के बाद एबीवीपी छात्र संघ ने विरोध प्रदर्शन कर लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई मांग की। उन्होंने स्कूल प्रबंधन से बच्ची के इलाज का खर्च उठाने को कहा। एबीवीपी ने कहा है कि अगर स्कूल प्रबंधन लापरवाही करता है तो आगे उग्र आंदोलन होगा।

न गद्दा न जाली, करवा रहे थे एडवेंचर गेम

स्कूल प्रबंधन ने पालकों को नाइट कैंप की जानकारी दी थी, वहां खतरनाक एडवेंचर गेम होने की जानकारी किसी पालक को न लिखित में दी गई थी और न ही मौखिक। वहां ऐसी कंपनी को काम दिया गया, जिसके पास न तो एक्सपर्ट थे और न ही कोई सुरक्षा संसाधन। एडवेंचर गेम में जमीन पर न तो गद्दा बिछाया गया था और न ही नेट (जाली) लगाई गई थी। इसके लिए घटिया किस्म की पुरानी रस्सी इस्तेमाल की गई। सुरक्षा के लिए डबल सेफ्टी हुक भी नहीं लगाया गया था। जिसके कारण रस्सी टूट गई और बच्ची गिर गई।

घटना की जानकारी प्राप्त होते ही बाल संरक्षण आयोग की टीम ने मामले को संज्ञान में लेकर जांच शुरू कर दी है। टीम ने अस्पताल में जाकर बच्ची से और उनके परिजन से मुलाकात की। इसके बाद स्कूल जाकर घटना के संबंध में जानकारी ली। प्रथम दृष्टया लापरवाही का मामला सामने आया है। टीम जांच कर रही है, रिपोर्ट के आधार आयोग कार्रवाई करेगा।

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