रासायनिक रंगों से बचने के लिए आप घर पर बनाए प्रकृतिक रंग

होली में इस्तेमाल किए जाने वाले ज्यादातर रंग केमिकल युक्त होते हैं, जिनसे त्वचा और बालों को नुकसान होता है। इन रासायनिक रंगों के प्रयोग से त्वचा पर रैशेज़, एलर्जी, मुहांसे व कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। रासायनिक रंगों से बचने के लिए आप घर पर प्रकृतिक रंग बना सकती हैं।

गुलाल
ऑर्गेनिक गुलाल बनाने के लिए 100 ग्राम हल्दी पाउडर, 200 ग्राम अरारोट पाउडर, 50 ग्राम गेंदा फूल और 20 ग्राम संतरे के छिलकों का पाउडर मिलाकर मिश्रण बना लें। इस मिश्रण में 20 ग्राम नींबू या चंदन का तेल मिला लें। तैयार है हर्बल गुलाल। गुलाल बनाने के लिए ताजा फूलों को इकट्ठा करें। इन फूलों को सूखने दें और सुखे हुए फूलों को मसल कर इनका पाउडर बना लें। बता दें सूखे फूलों का भी प्रयोग कर सकती हैं। इस पाउडर में कुछ बूंदें चंदन के तेल के डाल लें। इसे मिलाएं। इसे आप गुलाल के रूप में प्रयोग कर सकती हैं। अगर आप पिचकारी से होली खेलने के लिए प्रकृतिक गीला रंग तैयार करना चाहती हैं, तो इसके लिए आप ताजा फूलों की पंखुड़ियों को पानी की बाल्टी में रात भर भिगो लें। इसमें खुसबू डालने के लिए आप इसमें सुगंथित तेल मिला लें। इसे आप गुबारों और पिचकारी में भर कर सेफ होली खेल सकती हैं।

लाल रंग
लाल रंग लाल गुलाब , हिबिस्कस की पंखुड़ियों को उबाल कर तैयार किया जा सकता है। लाल रंग बनाने के लिए हिबिस्कस फूल को सुखाकर पंखुड़ियों को पीस कर इसका पाउडर बना लें। इस पाउडर में समान मात्रा में चावल का आटा और केसर मिला सकती हैं। लाल रंग बनाने के लिए अनार के छिलकों को पानी में उबाल लें इससे आप को लाल रंग मिलेगा। इसके अलावा आप लाल चंदन पाउडर को सूखे रंग और गीले रंग के तौर पर उपयोग कर सकती हैं। केसर की कुछ थ्रेड्स को थोड़े से पानी में भिगो कर पीस लें। इस मिश्रण को होली रंग के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है। आप इसमें पानी मिलाकर इसे पिचकारी में भी प्रयोग कर सकते हैं।

हरा रंग
हरा रंग बनाने के लिए आप मेहंदी, गुलमोहर की सुखी पत्तियों का इस्तेमाल कर सकती हैं। मेहंदी से सिरदर्द दूर होता है, शरीर को डिटाक्स करती है तथा त्वचा और बालों के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है। पालक, साग जैसी हरी पत्तियों वाली सब्जियों या नीम की पत्तियों को पानी में डूबोकर हरा रंग बनाया जा सकता है। हरा रंग बनाने के लिए मेहंदी पाउडर को चावल के आटे या मैदे के साथ मिलाएं। नीम की पतियों से बने हरे रंग के प्रयोग से आपकी त्वचा प्रकृतिक रूप में निखर जाएगी।

मैजेंटा
मैजेंटा रंग बनाने के लिए चुकंदर एक बेहतर विकल्प है। आप चुकंदर के टुकड़े/फांक को पानी में भिगोकर इसे उबाल लें। इसे रात भर रहने दें। आप लाल प्याज का उपयोग भी कर सकती हैं। सुबह पानी को छानकर इसे ठंडा होने दें तथा आप इसका उपयोग कर सकती हैं।

गुलाबी रंग
होली में हल्का गुलाबी रंग काफी मात्रा में उपयोग किया जाता है। गुलाबी रंग बनाने के लिए आप गुलाब, नयनतारा, गोधूली गोपाल का उपयोग कर सकते हैं। चुकंदर के टुकड़े/स्लाइसेस या प्याज के छिलकों को पानी में उबाल कर भी गुलाबी रंग बनाया जा सकता है।

पीला रंग
पीला रंग बनाने के लिए गैंदे के फूल की पंखुड़ियों को उबाल कर ठंडा होने दें तथा आप इसका प्रयोग कर सकते हैं। पानी में हल्दी डालकर गीला पीला रंग तैयार किया जा सकता है। दो चमच्च हल्दी पाउडर में एक चमच्च चना या चावल का आटा मिलाकर प्रकृतिक पीला रंग बनाया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *