नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में हिंदू पक्ष को जमीन देकर राम मंदिर (Ram Temple) बनने का रास्ता साफ कर दिया है. ऐसे राम मंदिर निर्माण को लेकर कवायद तेज हो गई है. इस बीच विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने सफाई दी है कि वो मंदिर बनाने को लेकर कोई चंदा इकट्ठा नहीं कर रहा है. बता दें कि राम जन्मभूमि आंदोलन को चलाने में VHP की अहम भूमिका रही है.
VHP के अंतर्राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांडे ने एक बयान जारी करते हुए कहा. ‘भगवान श्रीराम के जन्म स्थल पर 1989 से लेकर अब तक न तो वीएचपी और न ही श्री राम ज्मभूमि न्यास ने कोई चंदा जमा किया है. इसके अलावा चंदा लेने के लिए कोई घोषणा भी नहीं की गई है. हाल के दिनों में भी श्री राम जन्मभूमि न्यास और VHP ने चंदा लेने के लिए कोई अपील नहीं की है.’
आखिर क्यों VHP को इस पर सफाई देनी पड़ी इसके जवाब में प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि वो ये नहीं चाहते हैं कि विश्व हिंदू परिषद के नाम पर कोई गैरकानूनी तरीके से चंदा जमा करे. उन्होंने कहा कि ये आम जनता के लिए अलर्ट की तरह है कि वो राम मंदिर के लिए विश्व हिंदू परिषद के नाम पर किसी को कोई चंदा न दें.
क्या था सुप्रीम कोर्ट कै फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में पूरी विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विवादित जमीन पर रामलला का दावा मान्य है. इस जमीन पर मंदिर निर्माण की रूपरेखा तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने में ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया गया है. केंद्र सरकार ही ट्रस्ट के सदस्यों का नाम निर्धारित करेगी.