भिलाई नगर। सीए भवन सिविक सेंटर में आयोजित दो दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस का आज समापन हुआ। भिलाई एवं रायपुर शाखा के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम देश के वरिष्ठ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स द्वारा जीएसटी, इनकम टैक्स सहित ऑडिट संबंधी प्रमुख विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। कार्यक्रम में आज अतिथि के रूप में सेंट्रल इंडिया रिजनल काउंसिल के सदस्य सीए राजेश शर्मा, सीए अनुज गोयल एवं सीए शशिकांत चंद्राकर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के तैलचित्र पर दीप प्रज्जवलन कर किया गया।
कार्यक्रम के पहले सत्र में बतौर वक्ता मौजूद कानपुर के सीए राजीव महरोत्रा ने इनकम टैक्स से संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां उपस्थितजनों से साझा की। उन्होंने शेयर ट्रेडिंग, म्यूचुअल फंड, कॉमोडिटी सहित भविष्य की संभावनों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जो भी व्यक्ति शेयर्स में ट्रेड करते है, उन सभी के लिए स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग से होने वाले प्रॉफिट पर इनकम टैक्स की कैलकुलेशन करना काफी मुश्किल होता है। आज के समय में काफी लोग शेयर्स में ट्रेडिंग कर रहे है। इनमे से कुछ को प्रॉफिट होता है, तो कुछ को नुकसान। लेकिन, शेयर ट्रेडिंग पर इनकम टैक्स की आपको जानकारी होनी चाहिए, चाहे आपको शेयर मार्केट से फायदा हो रहा हो या नुकसान। क्योकि कई बार नुकसान होने पर भी आपको इनकम टैक्स में ऑडिट करवानी पड़ सकती है।
उन्होंने बताया कि शेयर मार्केट से होने वाली इनकम को या तो कैपिटल गेन की इनकम माना जाता है या बिजनेस इनकम। ये दोनों आपके ट्रेडर या इन्वेस्टर होने पर निर्भर करता है। उन्होंने बताया कि यदि आप शेयर मार्केट की इनकम को बिज़नेस इनकम में रिपोर्ट करते है, तो इस केस में कोई स्पेशल रेट से टैक्स नहीं लगाया जायेगा। यह इनकम आपके कुल इनकम में जोड़ दी जाएगी और स्लैब रेट के हिसाब से टैक्सेबल होगी। लेकिन, यदि आप शेयर ट्रेडिंग की इनकम को कैपिटल गेन हेड में रिपोर्ट करते है , तो इसमें आपकी इनकम को लॉन्ग टर्म केपिटल गेन या शॉर्टटर्म कैपिटल गेन में अलग किया सकता है।
सीए श्री मेहरोत्रा ने बताया कि शेयर बाजार में सीधे निवेश करने में ज्यादा रिस्क होता है। इसीलिए देश में तेजी से म्यूचुअल फंड एसआईपी के जरिए निवेश बढ़ रहा है। लेकिन बहुत कम ही लोग म्यूचुअल फंड से होने वाले मुनाफे पर टैक्स के नियमों के बारे में जानते है। म्यूचुअल फंड में निवेश को भुनाने पर आपके लिए टैक्स देनदारी बनती है। इससे होने वाली कमाई आपकी कुल आमदनी में जोड़ दी जाती है और उस पर आपके स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ता है या दूसरे मामलों में उस पर अलग से टैक्स चुकाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि स्कीम खरीदने के बाद उसे 12 महीने से अधिक समय तक होल्ड किया और फिर बेचा तो म्यूचुअल फंड से होने वाली कमाई लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के तहत आती है. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होता है। वहीं एसआईपी के जरिये निवेश के मामले में आखिरी सिप से 12 महीने का समय जोड़ा जाता है, एसआईपी शुरू करने के समय से नहीं है। 12 महीने से कम समय में निवेश भुनाने पर इक्विटी फंड्स से कमाई पर शार्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) टैक्स लगता है। यह मौजूदा नियमों के हिसाब से कमाई पर 15% तक लगाया जाता है। उन्होंने कॉमोडिटी ट्रेडिंग औऱ भविष्य में इससे संबंधित संभावनाओं की जानकारी भी उपस्थितजनों को दी।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मुंबई से आए सीए मांदर तैलंग ने रियल इस्टेट एवं वर्क कांट्रैक्ट में जीएसटी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने हाल फिलहाल में इनमें हुए बदलावों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रावधानों में किये गये संशोधन के तहत बिल्डरों को अब बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा का लाभ उठाये सस्ती आवासीय परियोजनाओं पर एक प्रतिशत और अन्य श्रेणियों की आवासीय इकाइयों पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने की अनुमति दी गई है। नई व्यवस्था एक अप्रैल 2019 से लागू हो गई है।
उन्होंने बताया कि बिल्डरों की जो परियोजनायें एक अप्रैल 2019 से पहले से चल रही हैं उनके मामले में उन्हें नई व्यवस्था अपनाने का विकल्प दिया गया है। ऐसी परियोजनाओं के लिये या तो वह पुरानी जीएसटी व्यवस्था को जारी रख सकते हैं अथवा एक प्रतिशत और पांच प्रतिशत की नई दर को अपना सकते हैं। पुरानी व्यवस्था में सस्ती आवासीय परियोजनाओं के लिये आठ प्रतिशत और अन्य श्रेणियों की आवासीय इकाइयों के लिये 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का प्रावधान है। इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा का लाभ भी बिल्डर उठा सकते हैं जबकि नई व्यवस्था में दरें घटा दी गईं हैं और इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा को समाप्त कर दिया गया है।
कार्यक्रम का स्वागत भाषण ब्रांच चेयरमेन सीए नितिन रूंगटा ने एवं आभार प्रदर्शन सचिव सीए दीपक जैन ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सीए श्रीचंद लेखवानी, सीए अऱविंद सुराना, सीए महावीर जैन, सीए पियूष जैन, सीए मिनेश जैन, सीए संजीव जैन, सीए राकेश ढोढी, सीए संदीप अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में ब्रांच के सदस्य एवं छात्र मौजूद थे।