卐 जय महाकाल 卐
प्रिय पाठकों,
पिछले अंक में हमने पढ़ा की रत्न हमें कैसे शुभ फल देते हैं इस अंक में मैं आपको बताऊंगा की, रत्न कब शुभ फल देते है, लग्नेश का रत्न जिसे जीवन का रत्न भी कहा जाता है यह रत्न हमें जीवन भर शुभ फल देता है । लग्नेश का रत्न हमें सदैव पहने रहना चाहिए यह रत्न हमारे अंदर इतनी पॉजिटिव पावर भर देता है, की हमें संघर्षों दुखों से लड़ने की शक्ति पैदा हो जाती है या रत्न हमारे अंदर उपस्थित सारी संभावनाओं को तलाशता है और उसे मजबूत बना करके प्रस्तुत करता है जिससे हमें बल मिलता है और हमें उन कष्टों और दुखों से लड़ने की शक्ति प्राप्त होती है और उससे लड़ते हुए हम निरंतर आगे बढ़ते रहते हैं । अतः लग्नेश का रत्न हमें सदैव शुभ फल देता है शर्त यह है कि उसकी प्लेसमेंट अच्छी हो नीच राशि में स्थित नहीं होना चाहिए ।
अन्य ग्रहों का रत्न हमें उनकी महादशा एवं अंतर्दशा में धारण करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है हमारी कुंडली में जिस ग्रह की महादशा और अंतर्दशा चल रही हो उस ग्रह से संबंधित कारक होने से उस ग्रह का संपूर्ण लाभ प्राप्त करने हेतु हमें उसके बल में वृद्धि करने रत्न धारण करना चाहिए जिससे संपूर्ण लाभ प्राप्त कर सकें । रत्न हमेशा उस ग्रह के वार को अथवा जिस दिन उसका नक्षत्र पड़े उस वार को उसकी होरा में पूजा पाठ करके रत्न को जागृत करने के बाद संबंधित उंगली में धारण करना चाहिए, जिससे हम उसका संपूर्ण शुभ फल प्राप्त कर सकें।
ग्रह अपनी महादशा और अंतर्दशा में अपना पूर्ण प्रभाव दिखाते हैं इन सबके अलावा भी ग्रह अपने संबंधी और सह धर्मी ग्रहों की दशा में अपना पूर्ण प्रभाव दिखाते है अतः हमें कारक ग्रहों की महादशा तथा अंतरदशाओं में उन ग्रहों से संबंधित रत्न धारण करने से अति शीघ्र शुभ फलों की प्राप्ति होने लगती है अतः स्पष्ट है की रत्न अपनी महादशा अंतर्दशा और अपने संबंधी ग्रहों की दशा में अपना फल देते हैं और इस समय कारक ग्रहों के रत्न धारण करके उनके शुभ फलों में वृद्धि की जा सकती है और जीवन में शुभ फल की अत्यधिक रूप से प्राप्ति की जा सकती है अतः ग्रहों से संबंधित रत्न उनकी दशाओं में विशेष प्रभावी रहते हैं तथा बल वृद्धि करके शुभता को बढ़ाते हैं इन्हीं कारणों से ग्रह का रत्न उनकी दशा और महादशा में विशेष फलदाई माना गया है केवल लग्नेश का रत्न हमें जीवन पर्यंत शुभ फलों में वृद्धि करता रहता है।
रत्न धारण करने से पहले हमेशा एक अच्छे ज्योतिषि से अपनी कुंडली को जरूर दिखाना चाहिए उसके बाद ही रत्न को धारण करना चाहिए अन्यथा आपको इसके दुष्परिणाम भी भोगने पड़ सकते हैं आपके लिए कौन सा रत्न सही रहेगा और कौन सा रत्न गलत है इसकी संपूर्ण जानकारी के लिए आप नीचे लिखे मेरे नंबर पर संपर्क कर समस्त जानकारी मुझसे प्राप्त कर सकते है।
धन्यवाद
Astro Raju chhabra (devendre singh)
“”Kundli specialist”” Falit jyotish
Mb – 07747066452 , 7000029286