राज्यसभा सदस्य के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार रहे लेखराम साहू द्वारा पेश याचिका में कहा गया है कि सरोज पांडेय ने चुनाव में निर्वाचन प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। सरोज पांडेय ने अपने शपथ पत्र में एक बैंक खाता के संबंध में जानकारी नहीं दी थी। इसके अलावा उन्होंने अपना पता मैत्री बाग बताया था। जबकि वे जल विहार परिसर में सरकारी आवास में रह रही थीं। जल विहार क्षेत्र की मतदाता सूची में उनका नाम है।
उनके शपथ पत्र को निर्वाचन अधिकारी ने देर से अपलोड किया। इस कारण से आपत्ति करने का समय नहीं मिला। इसके अलावा उनके प्रस्तावक व समर्थक लाभ के पद पर थे। इन्हें मतदान का अधिकार नहीं है। 11 संसदीय सचिव व सात निगम मंडल के अध्यक्षों को मतदान का अकिार दिया गया जो कि विधि सम्मत नहीं है। पूर्व में हाई कोर्ट ने सांसद सरोज पांडेय को नोटिस जारी किया था।
इस पर उनकी ओर से याचिका को चलने योग्य नहीं बताते हुए खारिज करने आवेदन दिया गया था। बीते सुनवाई के दौरान जस्टिस गौतम भादुड़ी के कोर्ट में इस आवेदन पर बहस हुई थी । इस दौरान कोर्ट ने सरोज पांडेय के वकील से पूछा था कि किस कानून के तहत राज्यसभा सदस्य चुनाव के खिलाफ पेश यह याचिका चलने योग्य नहीं है।
कोर्ट के इस सवाल पर उन्होंने आवेदन वापस ले लिया। इसके बाद कोर्ट ने नोटिस जारी कर चार सप्ताह के अंदर विस्तार से जवाब पेश करने और याचिका को सुनवाई के लिए चार सितंबर को रखने का आदेश दिया था । बुधवार को इस मामले की सुनवाई सिंगल बेंच में हुई । कोर्ट ने दोनों पक्षों को जवाब दावा पेश करने के लिए चार सप्ताह की मोहलत दी है।