भोपाल
हमीदिया अस्पताल में मरीजों की फजीहत का दौर खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। दवाइयों की किल्लत अभी दूर नहीं हुई है अब यहां जांचों की परेशानी शुरू हो गई है। आलम यह है कि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के लिए बेहद जरूरी इलेक्ट्रोलाइट और एबीजी जैसी जांच के अलावा क्र ेटिनिन और सीआरपी जैसी सामान्य जांचें नहीं हो रही हैं।
ऐसे में मरीजों के परजिनों को बाहर की निजी लैब से जांच कराना पड रही है। इस वजह से पैसा तो खर्च होता है समय ज्यादा लगने से इलाज भी प्रभावित होता है। इस संबंध में जिम्मेदारों से पूछताछ की गई तो बताया गया कि बजट की कमी के कारण रिएजेंट का टोटा हो गया है। यही वजह है कि मरीजों की जांचें ही नहीं हो पा रही हैं।
जरूरत के मुताबिक नहीं मिल रहा बजट
हमीदिया अस्पताल के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों अधीक्षक कार्यालय की ओर से चार करोड रु पए के बजट की डिमांड चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजी गई थी। पहले तो फाइल जहां-तहां रु की रही, इसके बाद में डीएमई की ओर से इस पर स्वीकृति दी गई तो 40 लाख रु पए यानी डिमांड का महज 10% ही बजट दिया गया।
आपरेशन हो रहे प्रभावित
आपरेशन से पहले मरीज की कुछ जरूरी जांचें करानी होती हैं। कई बार ऐसे हालात बनते हैं कि सर्जन मरीज की जांच लिखकर भेजते हैं, लेकिन पैथोलॉजी से फाइल पर लिखकर भेज दिया जाता है ‘किट नोट अवेलेबल’। ऐसे में बाहर से जांच कराने के लिए लिखते हैं। ऐसे में आॅपरेशन भी आगे बढाने पडते हैं।
यह जांच भी नहीं हो रही
सीरम इलेक्ट्रोलाइट, एचबीए1सी, कैल्शियम, सीआरपी, सीपीकेएमबी, ट्रॉपआई, आर फेक्टर, सीसीपी, एबीजी, एएनए, सीरम कैल्सियम, विटामिन बी12, विटामिन डी, ब्लड यूरिया नाइट्रोजन, बोनमेरो एग्जामिनेशन, क्र ेटिनिन और बिलीरूबिन समेत अन्य जांच नहीं हो रही हैं।