रायपुर। नेता प्रतिपक्ष रमलाल कौशिक ने हाई कोर्ट द्वारा पूर्व विायक भीमा मंडावी की नक्सली हत्या की जांच एनआइए से कराने के फैसला का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी पेशेवर ढंग से किसी भी घटना की बड़ी सुक्ष्मता व गहनता से जांच करती है। हाई कोर्ट के निर्णय से भीमा मंडावी के परिवार सहित भाजपा को भी न्याय की उम्मीद बंधी है। कौशिक ने कहा कि न्यायालय के एनआइए जांच के निर्णय पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सुप्रीम कोर्ट जाने का वक्तव्य बहुत ही दुखदाई और आश्चर्य भरा है। उन्होंने पूछा कि एनआइए जांच से राज्य सरकार क्यों घबरा रही है? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को क्या डर है? ऐसा क्या राज है, जिसके खुल जाने का डर सीएम को सता रहा है? उन्होंने कहा कि अफसोस जनक और संदेहास्पद है कि सीएम बघेल घटना के बाद से ही निष्पक्ष जांच में अड़ंगा लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
कौशिक ने कहा कि भीमा मंडावी की हत्या के बाद केंद्र सरकार ने अपने अधिकारों का उपयोग कर एनआइए जांच की घोषणा की थी। देश में कही भी आतंकी घटना पर केंद्र सरकार एनआइए जांच कर सकती है।
हाई कोर्ट में राज्य सरकार के हारने के बाद एनआइए जांच रोकने के लिए मुख्यमंत्री बघेल के सुप्रीम कोर्ट जाने की बात का जिक्र करते हुए कहा कि इससे पहले भी झीरम मामले में भूपेश बघेल का यही रवैया था।
वे बार-बार झीरम का सबूत जेब में लेकर घूमने की बात कर रहे थे, लेकिन आजतक साक्ष्य सामने नहीं ला पाये। देश की सर्वश्रेष्ठ जांच एजेंसी को जांच करने देकर न्याय की राह में कांग्रेस सरकार अवरो पैदा नहीं करे।