नदी किनारे मिला सोना, लूट मचाने उमड़ी लोगों की भीड़, फिर चला रहस्य का पता

बंगाल
भारत चमत्कारों का देश है। जबकि दुनिया अभी भी ओडिशा-बंगाल-झारखंड सीमा पर बहने वाली सुनहरी नदी सुवर्णरेखा के अनसुलझे रहस्यों से अचंभित है। दरअसल, पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के ग्रामीणों को बांसलोई नदी के किनारे सोना मिला है। जिसके बाद यहां तलाशी के लिए लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। लोग रोज तलाशी के लिए आ रहे हैं। एक स्थानीय निवासी के मुताबिक नदी के किनारे थोड़ी सी मिट्टी खोदने पर सोना (Gold In River) मिला था। लेकिन यह सोना बहुत कम मात्रा में था। यह बिल्कुल पुराने पैसे जैसा दिख रहा था और इस पर कुछ प्राचीन अक्षर या निशान थे। लोगों को जब खबर लगी तो सभी लोगों ने इधर-उधर तलाशी शुरू कर दी। लोग उस सोने की धातु को देखकर चकित थे।

पहिये जैसे सोने के सिक्के
जो कीमती धातु मिली है, वह ज्यादातर पहिये जैसे सिक्कों के रूप में थी, जिसके बारे में कुछ लोगों का मानना ​​था कि यह भारतीय राजाओं की थी। एक अन्य स्थानीय ने कहा यह हिंदू राजाओं के समय का खजाना है जो नदी में डूब गया था।

तीन दिनों से तलाशी में जुटे लोग
स्थानीय आदिवासी मजदूर इलाके में और खजाने की तलाश में बालू को छानने में लगे हैं। इन सभी लोगों के साथ ग्रामीण भी पिछले तीन दिनों से सोने के भंडार की तलाश कर रहे हैं।

सोने को प्रशासन को सौंपा गया
इस बीच नदी किनारे मिले सोने के सिक्के को मुरारई थाने को सौंप दिया गया है। हालांकि, बीरभूम जिला प्रशासन ने अभी तक इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया है। दूसरी ओर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को भी खोज के बारे में जानकारी दी गई है।

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