नई दिल्ली,
खाद बनाने वाली प्रमुख सहकारी कंपनी इफको और कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड (सीआईएल) अगले तीन साल तक नैनो डीएपी का विनिर्माण करेंगे। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खुबा ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में दो मार्च को अधिसूचना जारी की जा चुकी है।
डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) देश में यूरिया के बाद उपयोग किया जाने वाला दूसरा बड़ा उर्वरक है।
मंत्री ने कहा कि इफको ने बताया है कि वह गुजरात की कलोल इकाई में एक नैनो डीएपी संयंत्र स्थापित कर रहा है, जिसकी क्षमता आधा लीटर की दो लाख बोतलों का प्रतिदिन उत्पादन करने की होगी।
उन्होंने आगे कहा, “व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने के बाद नैनो डीएपी देशभर के बाजारों में उपलब्ध हो जाएगा।”