कानपुर देहात में एक दिल दहला देने वाला हादसा..भाई की अर्थी और बहन की डोली

कानपुर देहात में एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है। यहां एक साथ भाई की अर्थी और बहन की डोली उठाई गई। भाई की मौत की बात को सीने में दबाए पिता रातभर शादी के रस्मो रिवाज निभाता रहा। इस बीच कई बार मां ने जब बेटे को नाम से पुकारा तो पिता की आंखों से निकला आंसू आंखों में ही सूख गया। सुबह जब बहन की डोली उठी इसके बाद पिता की आंखों से आंसुओं का सैलाब फूट पड़ा।

झींझक करियाझाला मंगलपुर के रहने वाले पूर्व फौजी की बेटी की शादी बुधवार को किशौरा के मुरारी गार्डन से थी। रात में बरात आने के बाद दुर्घटना में दुल्हन के बड़े की भाई की मौत हो गई थी। इसकी जानकारी होने पर पिता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। कुछ लोगों ने हिम्मत बंधाई तो रात में बेटे की मौत का गम दबा बेटी की शादी की रस्में अदा की। सुबह विदाई के दौरान पिता के सब्र का बांध टूटने लगा।
इसके बाद भी उसने हिम्मत से काम लेते हुए पहले बेटी को विदा किया। इसके बाद बेटे की अर्थी उठी। परिजनों को बुरी तरह बिलखता देख हर किसी की आंख नम हो गई। मंगलपुर थाना के करियाझाला रोड निवासी सेवा निवृत्त फौजी रामनरेश यादव की बेटी अंजू की बुधवार को सिंधी कालोनी भरथना इटावा से बरात आई थी। शादी का कार्यक्रम घर के पास ही एक गेस्ट हाउस में था। बरात पहुंचने के बाद स्वागत की तैयारी चल रही थी।</p>
तभी कुछ सामान लाने दुल्हन का भाई हिमांशु यादव (19) करियाझाला मोड़ स्थित घर गया। वहां से वापस आते समय किशौरा मोड़ पर किसी वाहन ने उसकी बाइक में टक्कर मार दी। राहगीरों की सूचना पर पुलिस ने उसे सीएचसी पहुंचाया। वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। बेटे की मौत की खबर मिलते ही पिता रामनरेश सीएचसी पहुंचे। वहां वह बुरी तरह से बिलख बिलख के रोने लगे। कुछ लोगों ने शादी में व्यवधान पड़ने की बात समझा उन्हें शांत कराया।  आंसू पोंछ कर पिता फिर गेस्ट हाउस पहुंचा। रात भर वह बेटे की मौत का गम सीने में दबाए रहा। शादी की रस्में पूरी कराई। सुबह बेटी की विदाई तक किसी को भनक नहीं लगने दी। दुल्हन अंजू उसकी मां किरन व भाई सुमित को हिमांशु की मौत की बात नहीं बताई गई। सुबह विदाई होने के बाद जैसे ही सभी को हिमांशु की मौत की जानकारी मिली तो कोहराम मच गया।

ससुराल पहुंचने के बाद बैरंग दुल्हन अंजू अपने पति अनिकेत के साथ वापस अपने घर आई। भाई के शव से लिपट कर रोते हुए कई बार बेसुध हो गई। यह देख वहां मौजूद लोग आंसू नहीं रोक सके। लोग पारिवारी जनों को ढांढस बंधाने के दौरान खुद भी रो रहे थे। जिसके बाद परिजनों ने शव का औरैया यमुना नदी किनारे ले जाकर अंतिम संस्कार किया।

 

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