नई दिल्ली
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में 25 आधार अंक की बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसको देखते हुए अगले महीने भारतीय रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में वृद्धि कर सकता है। अगर ऐसा हुआ तो आपकी ईएमआई पर असर तो पड़ेगा ही, साथ में पर्सनल लोन से लेकर होम लोन तक के महंगे होने की आशंका बढ़ जाएगी।
इस वृद्धि के साथ फेडरल रिजर्व की ब्याज दरें अब 4.75 से पांच फीसद पर पहुंच गई हैं। ब्याज दरों का यह स्तर 2008 की आर्थिक मंदी के समय पर हुआ करता था। पिछले साल मार्च 2022 के बाद से फेड ने नौ बार ब्याज दरों में इजाफा किया है। अमेरिकी फेड रिजर्व के चेयरमैन पॉवेल ने साफ कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो आगे भी दरें बढ़ाने को तैयारी है।
विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिकी केंद्रीय बैंक के इस फैसले के बाद अप्रैल के पहले हफ्ते में भारतीय रिजर्व बैंक भी दरों में 0.25 फीसद की बढ़ोतरी कर सकता है। इसी हफ्ते यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने दरों में आधा फीसद का इजाफा किया था।
इससे पहले फरवरी में भी आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 फीसद का इजाफा किया गया था। इससे रेपो रेट 6.25 फीसद से बढ़कर 6.50 फीसद हो गई। गौरतलब है कि पिछले साल मई के बाद से आरबीआई विभिन्न चरणों में 2.50 फीसद तक दरें बढ़ा चुका है।