रायपुर। भाजपा ने नगरीय निकाय चुनाव के लिए आंतरिक सर्वे कराया है। प्राथमिक सर्वे में यह बात सामने आई है कि अकिांश पार्षदों से जनता नाराज है। इनकी नाराजगी का असर चुनाव परिणाम पर पड़ सकता है। इसको देखते हुए पार्टी सभी नगरीय निकाय (Municipal Corporation Election) में 65 फीसदी नए चेहरे को मौका देने का विचार कर रही है। छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर नगर निगम(Raipur Municipal Corporation) में स्थिति सबसे खराब है। एक दर्जन से ज्यादा पार्षदों का परफार्मेंस इतना कमजोर है कि उनके स्थान पर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। पार्षदों से ही महापौर और अध्यक्ष का चुनाव करना है। ऐसे में हर निगम में तीन बड़े नेताओं को पार्षद चुनाव में उतारने की तैयारी चल रही है।
भाजपा ने छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय निकाय में आतंरिक सर्वे कराया है। इसके साथ ही चुनाव पर्यवेक्षकों और पार्टी नेताओं की राय को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है। रिपोर्ट के आार पर टिकट का बंटवारा किया जाएगा। पार्टी की कोशिश है कि नगर निगम में ज्यादा से ज्यादा पार्षद चुनाव जीतकर आएं, जिससे भाजपा का महापौर चुना जा सके। आला नेताओं ने बताया कि चुनाव में उम्मीदवार चयन के साथ घोषणा पत्र तैयार करने का काम भी शुरू हो गया है। पार्टी का तीन स्तर का घोषणा पत्र तैयार किया जाएगा। इसमें प्रदेश स्तर के मुद्दों को लेकर एक घोषणा पत्र होगा। स्थानीय निकाय के आार पर एक घोषणा पत्र और वार्ड स्तर पर पार्षद एक घोषणा पत्र तैयार करेंगे। प्रदेश में सत्ता जाने के बाद पहली बार हो रहे नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है। पार्टी के स्थानीय नेताओं के बीच मतभेद के कारण पार्टी ने हर निकाय में पर्यवेक्षक तैनात किए हैं।
गुटबाजी ने बढ़ाई पार्टी की चिंता
निकाय चुनाव से पहले हो रहे संगठन चुनाव में पार्टी नेताओं की गुटबाजी ने संगठन की चिंता बढ़ा दी है। प्रदेशभर से आ रही रिपोर्ट की मानें तो अधिकांश जिलों में संगठन चुनाव के कारण बड़े नेताओं के बीच मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं। पार्टी का एक बड़ा वर्ग निकाय चुनाव तक संगठन चुनाव रोकने की वकालत कर रहा है, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व की ओर से समय सीमा तय होने के कारण संगठन चुनाव कराना जरूरी हो गया है। बताया जा रहा है कि जहां विवाद की स्थिति नहीं है, उन जिलों के जिलाध्यक्षों की घोषणा एक-दो दिन में कर दिया जाएगा।
रायपुर संगठन चुनाव की टली तारीख
रायपुर जिलाध्यक्ष के चुनाव को लेकर रविवार को बैठक होनी थी, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया। रायपुर के चुनाव प्रभारी खूबचंद पारख हैं। बताया जा रहा है कि रायपुर के लिए जिला महामंत्री जयंती भाई पटेल का नाम सामने आ रहा है। लेकिन रायपुर ग्रामीण में विवाद को देखते हुए नाम की घोषणा को रोक दिया गया है। बताया जा रहा है कि ग्रामीण से पूर्व विायक देवजी पटेल का नाम सामने आ रहा है। अगर ग्रामीण में देवजी का नाम फाइनल होता है, तो रायपुर शहर में जयंती का पत्ता कट सकता है। बताया जा रहा है कि दो-तीन दिन में पार्टी पदाकिारियों की बैठक होगी, जिसमें नाम तय किया जाएगा।