भ्रष्ट्राचार के खिलाफ मोदी सरकार का बड़ा कदम, आयकर अफसरों पर गिरी गाज

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के इल्जाम में 21 कर अधिकारियों को जबरदस्ती रिटायर कर दिया है। सरकार ने पांचवीं बार भ्रष्‍ट अफसरों को सिस्‍टम से बाहर निकालने का ऐलान किया है। वित्‍त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सरकार ने भ्रष्‍टाचार और अन्‍य गलत कामो में लिप्‍त अधिकारियों को पकड़ने के लिए एक मुहीम चलाई हुई है और ऐसे भ्रष्‍ट अफसरों को सजा के तौर पर उन्‍हें जबरदस्ती रिटायर किया जा रहा है।

वित्‍त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (CBTD) ने सार्वजनिक हित में मौलिक नियम 56 (जे) के तहत ग्रुप बी रैंक के 21 आयकर अफसरों को जबरदस्ती रिटायर किया है। इन सभी अफसरों पर भ्रष्‍टाचार के अलावा अन्‍य संगीन इल्जाम हैं और ये सभी सीबीआई की जांच के घेरे में हैं। दरअसल, मौलिक नियम 56 का उपयोग ऐसे अधिकारियों पर किया जा सकता है जो 50 से 55 वर्ष की आयु के हों और अपना 30 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं।

सरकार के पास यह अधिकार है कि वह ऐसे अफसरों को अनिर्वाय सेवानिवृत्ति दे सकती है। ऐसा करने के पीछे सरकार का उद्देश्य नॉन-परफॉर्मिंग सरकारी सेवक को सेवानिवृत्त करना होता है। ऐसे में सरकार यह निर्णय लेती है कि कौन से अधिकारी काम के नहीं हैं।

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