बल्लेबाज लोकेश राहुल और ऋषभ पंत के लिए वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 सीरीज बड़ा मौका है। वजह इस साल ऑस्ट्रेलिया में टी-20 विश्व कप खेला जाना है और टीम में उनकी जगह अभी पक्की नहीं मानी जा रही है। टीम इंडिया भी तीन मैच की इस सीरीज को विश्व कप के लिए तैयारी के तौर पर ले रही है।
सीरीज की शुरुआत शुक्रवार से हैदराबाद में होने वाले मुकाबले से होगी। ऐसे में हर खिलाड़ी की निगाह बेहतर प्रदर्शन कर टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं को लुभाने की होगी। विश्व कप से पहले टीम को महज 11 मुकाबले ही खेलने हैं। दाएं हाथ के बल्लेबाज लोकेश राहुल का टी-20 में रिकॉर्ड अच्छा है। बाएं हाथ के बल्लेबाज शिखर धवन के चोटिल होने से उन्हें रोहित शर्मा के साथ पारी की शुरुआत करने का मौका मिलेगा।
राहुल ने 31 टी-20 मैचों में 42.74 की औसत से 974 रन बनाए हैं, जिसमें नाबाद 110 रन उनका श्रेष्ठ स्कोर है। आईपीएल में भी वह बेहतर करते रहे हैं। राहुल के अलावा युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत भी अपने प्रदर्शन से आलोचकों का मुंह बंद करना चाहेंगे।
ऋषभ को दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी की जगह भावी विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन वन-डे विश्व कप के बाद से ही उनकी फॉर्म सही नहीं चल रही है। कई मौकों पर अपना विकेट थ्रो करने को लेकर उनकी कड़ी आलोचना हो रही है। उनकी विकेटकीपिंग को लेकर भी सवाल उठे हैं और यही कारण है कि टेस्ट मैचों में उनकी जगह ऋद्धिमान साहा की टीम में फिर से वापसी हो गई है।
संजू सैमसन को मौके की तलाश
चयनकर्ताओं ने केरल के संजू सैमसन का भी चयन किया है। धोनी ने संन्यास नहीं लिया है। ऐसे में पंत पर प्रदर्शन करने का बड़ा दबाव है। संजू सैमसन को बांग्लादेश के खिलाफ टी-20 में जगह मिली थी लेकिन मौका नहीं मिला।
इस सीरीज में भी उन्हें तब जगह दी गई है जब शिखर धवन के सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान घूटने में चोट लग गई। विकेटकीपर के रूप में पहली पसंद पंत हैं लेकिन यदि वह विफल रहते हैं तो देखना होगा कि क्या टीम प्रबंधन सैमसन को मौका देगा जिसके वह हकदार भी हैं। भारत के लिए अच्छी बात यह है कि कप्तान विराट कोहली बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में आराम करने के बाद ताजादम होकर उतरेंगे।
चाहर से फिर होंगी उम्मीदें
गेंदबाजी के मोर्चे पर स्पिनर कुलदीप यादव, तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार टी-20 में वापसी कर रहे हैं। लंबे समय बाद कुलदीप और युजवेंद्र चहल जिन्हें जोड़ी के रूप में कुलचा भी कहा जाता है, एक साथ उतरेंगे।
कुलदीप ने पिछला टी-20 न्यूजीलैंड के खिलाफ फरवरी में खेला था। जबकि शमी ने इस प्रारूप में अपना पिछला मैच 2017 में खेला था। भुवनेश्वर फिट होकर लौटे हैं। अगस्त में उन्होंने विंडीज के खिलाफ ही अपना पिछला टी-20 खेला था। बांग्लादेश के खिलाफ दीपक चाहर ने सात रन देकर छह विकेट लिए थे। शमी और भुवनेश्वर के साथ उनसे भी बड़ी भूमिका निभाए जाने की उम्मीद है।हिसाब चुकाना चाहेगा विंडीज
भारत ने अगस्त में वेस्टइंडीज को उसके मैदान में 3-0 से रौंदा था। मेहमान टीम उस हिसाब को बराबर करना चाहेगी। टी-20 में विंडीज की गिनती अच्छी टीमों में की जाती है। उनके साथ यह अच्छा है कि वह हालात के अनुकूल पहले ही ढल चुके हैं। उन्होंने लखनऊ में अफगानिस्तान के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज खेली है।
कप्तान किरोन पोलार्ड अग्रिम मोर्चे से नेतृत्व करना चाहेंगे। निकोलस पूरन गेंद से छेड़खानी के कारण लगे चार मैचों के प्रतिबंध के चलते पहले मैच में नहीं खेलेंगे। फोकस इविन लुइस और लेंडल सिमंस पर होगा। शिमरोन हेतमायर बल्लेबाजी को मजबूत करेंगे। ऑलरांउडर फैबियन एलेन अनुभवी आंद्रे रसेल की कमी पूरी कर सकते हैं। टीम में ब्रेंडन किंग, खारी पियरे, रूदरफोर्ड, केसरिक विलियम्स और हेडन वाल्श जूनियर जैसे युवा खिलाड़ी भी हैं।