हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस यानी वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के उद्देश्य इस गंभीर बीमारी के बारे में रोकथाम, बचने और कंट्रोल करने के उपायों आदि के बारे में जागरूकता फैलाना है। हाइपर टेंशन को हाई ब्लड प्रेशर के रूप में जाना जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर एक आम समस्या है जिससे लाखों लोग प्रभावित हैं। हाई बीपी के कई कारण हो सकते हैं जिनमें एक कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना भी है। कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर बढ़ने से आपकी रक्त वाहिकाओं और आपके हृदय को तेजी से नुकसान हो सकता है। अगर इन्हें कंट्रोल नहीं किया गया, तो आपको हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी डैमेज होना और दिल से जुड़ी कई अन्य गंभीर समस्याओं का खतरा हो सकता है।
कैसे हाई बीपी का कारण बन सकता है हाई कोलेस्ट्रॉल
अगर आप हाई कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित हैं, तो जाहिर है आप इसे कम करने के लिए दवाएं ले रहे होंगे या जीवनशैली में बदलाव किए होंगे। इस दौरान हाई बीपी पर भी नजर रखना जरूरी है क्योंकि कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को हाई बीपी का खतरा होता है। ऐसा क्यों होता है? इसके लिए पहले समझें कि हाई बीपी तब होता है, जब आपकी रक्त वाहिकाओं की दीवार के खिलाफ आपके रक्त का बल लगातार बहुत अधिक होता है। कोलेस्ट्रॉल रक्त वाहिकाओं को ब्लॉक और सिकोड़ने का काम करता है जिससे आपके दिल को ब्लड पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
कोलेस्ट्रॉल कैसे कम करें
डॉक्टर के अनुसार, शरीर की कोशिकाओं के बेहतर काम के लिए कोलेस्ट्रॉल जरूरी घटक है। हालांकि इसका लेवल बढ़ने से खून की नसें ब्लॉक हो सकती हैं जिससे ब्लड फ्लो धीमा हो सकता है या थम सकता है, जिससे दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी फेल होना और अंगों में ऐंठन जैसी जानलेवा समस्याएं हो सकती हैं बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स दोनों आपके लिए हानिकारक हैं। डॉक्टर ने बताया कि बैलेंस्ड डाइट के जरिए कोलेस्ट्रॉल को कम और कंट्रोल किया जा सकता है। आपको अपने खाने में पॉलीअनसैचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड फैट से भरपूर चीजों को शामिल करना चाहिए।