नई दिल्ली: इसरो ने मिशन चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग की तारीख का ऐलान किया है, इसरो के चेयरमैन के शिवन ने कहा कि आगामी 15 जुलाई को सुबह 2:51 मिनट पर इसे लौन्च किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने जुलाई में होने वाले अपने मिशन चंद्रयान-2 मे इसरो का कहना है कि हम चंद्रमा पर उस जगह पर उतारने जा रहे हैं जहां अभी तक कोई नहीं पहुंचा है, अर्थात चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर, लैंडर व रोवर 6 सितंबर को चन्द्रमा की सतह पर पहुचने के लिए यान से अलग हो जाएंगे, यह 20 मिनिट का समय अत्यधिक महत्वपूर्ण व निर्णायक रहेंगा, क्योंकि तब हमारा उस पर कोई नियन्त्रंरण नहीं रहेेेेगा।
मिशन में 13 पेलोड होंगे और इसमें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA का भी एक उपकरण होगा. इसमें लोड किए जाने वाले 13 पेलोड में ऑर्बिट पर 8, लैंडर पर 3 और रोवर 2 के साथ नासा का एक पैसिव एक्सपेरीमेंट (उपकरण) भी शामिल होगा. हालांकि इसरो ने नासा के इस उपकरण के उद्देश्य को स्पष्ट नहीं किया।
इस अंतरिक्ष यान का वजन 3.8 टन है. यान में तीन मोड्यूल (विशिष्ट हिस्से) ऑर्बिटर , लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) हैं. चंद्रयान – 2 के छह सितंबर को चंद्रमा पर उतरने की संभावना है. ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की दूरी पर उसका चक्कर लगायेगा, जबकि लैंडर (विक्रम) चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर आसानी से उतरेगा और रोवर (प्रज्ञान) अपनी जगह पर प्रयोग करेगा। इसरो के मुताबिक इस अभियान में जीएसएलवी मार्क 3 प्रक्षेपण यान का इस्तेमाल किया जाएगा. इसरो ने कहा कि रोवर चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करेगा।