नारायणपुर : मनरेगा : ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों का हो रहा आर्थिक उत्थान : रोजगार दिवस पर मिले मजदूरों को जॉब कार्ड

लेख-शशिरत्न पाराशर

सहायक संचालक, जनसंपर्क

नारायणपुर 12 दिसंबर 2019

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत मजदूरों की जुड़ी समस्याओं का निराकरण ग्राम पंचायत स्तर पर करने के लिए हरमाह की 7 तारीख को रोजगार दिवस मनाया जाता है। पिछले 7 दिसंबर को रोजगार दिवस के अवसर पर जॉब कार्ड वितरण, मजदूरी भुगतान, मजदूरी मांगने समेत मनरेगा से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की जाती है। इस रोजगार दिवस पर ग्राम पंचायत छिनारी और ओरछा सहित अन्य ग्राम पंचायतों के ग्रामीण मजदूरों को जॉब कार्ड वितरित किय गए। जिले की 98 ग्राम पंचायतों में से अत्यन्त अतिसंवेदनशील 13 ग्राम पंचायतों में रोजगार दिवस का आयोजन नहीं हो पा रहा है।
मिली जानकारी अनुसार माह जनवरी 2019 से चालू माह दिसंबर तक कुल 522 रोजगार दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें 188 कामों की मांग की गई। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 1045 कार्य पूर्ण किए गए, जिसमें 8186 परिवारों ने काम किया। इन परिवारों के लगभग 2,64,602 मानव दिवस सृजित हुआ। जानकारी अनुसार मजदूरी के रूप में रूपये 538.74 लाख और सामग्री के रूप में रूपये 92.52 लाख का भुगतान किया गया। इस प्रकार कुल राशि 631.26 लाख का भुगतान जनवरी 2019 से माह नवम्बर 2019 तक किया गया है। इसी प्रकार मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों का आर्थिक उत्थान किया जा रहा है।
मनरेगा के तहत आम लोगों के साथ ही दिव्यांगों को भी रोजगार मुहैया कराने के लिए बड़ा मंच साबित हो रहा है। दिव्यांगोें को उनकी मांग पर सुविधाजनक कार्य उपलब्ध कराया जाता है। उनके क्षमतानुसार कार्याें के संभावित वर्गीकरण में पेयजल व्यवस्था, बच्चों की देखभाल करने में सहायता, पौधा रोपण करना शामिल है। चालू वित्तीय वर्ष के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवम्बर तक जिले के 64 दिव्यांगों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इस दौरान इनके लिए 996 दिवस का रोजगार का सृजन किया गया हैै।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री प्रेम कुमार पटेल ने बातया कि मनरेगा के ग्रामीण मजदूरों को छोटी-छोटी समस्याओं के निराकरण के लिए अब ग्रामीण श्रमिकों को मुख्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ती। उनकी समस्याओं का निराकरण हर महीने की 7 तारीख को रोजगार दिवस के अवसर पर ग्राम में ही मौके पर किया जाता है। जिले के दिव्यांगों को रोजगार के पर्याप्त अवसर मिलने से आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ने के साथ ही उनका जीवन भी आसान हो रहा है। जिले के दूरस्थ चारांे ओर से घने जंगल-पहाड़ों से घिरे अंचल जहां आवागमन के साधन नहीं है। वहां से मनरेगा के ग्रामीण श्रमिक अपनी मनरेगा संबंधी समस्याओं के लिए कई किलोमीटर की पैदल यात्रा कर आते-जाते थे, उनसे उन्हें अब निजात मिली है ।
जिले की ग्राम पंचायतों में हर माह की निश्चित 7 तारीख को ग्राम पंचायतों में चौपाल लगाकर मनरेगा रोजगार दिवस मनाया जा रहा है और ग्रामीण श्रमिकों की समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। किसी कारण से समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को वे आवेदन करते है। रोजगार दिवस पर श्रमिकों को राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी जाती है।

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