असम में नागरिकता विधेयक को लेकर विरोध और तेज हो गया है। गुवाहाटी में हजारों लोग कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए गुरुवार को सड़क पर उतर आए और कई स्थानों पर स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को गोलियां भी चलानी पड़ी।
नागरिकता बिल पर त्रिपुरा के संगठन जेएमएसीएबी ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। संगठन ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म की।
बांग्लादेश के गृह मंत्री ने मेघालय दौरा रद्द किया
पीटीआई ने राजनयिक सूत्र के हवाले से कहा, बांग्लादेश के गृह मंत्री ने मेघालय की तीन दिवसीय यात्रा रद्द की।
फायरिंग में दो की मौत
असम के गुवाहाटी में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी में घायल हुए दो लोगों की गुरुवार को मौत हो गई। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि एक व्यक्ति को मृत लाया गया था जबकि एक अन्य की इलाज के दौरान मौत हो गई।
मेघालय में भी मोबाइल इंटरनेट और मैसेजिंग सेवा अगले 48 घंटे के लिए बंद।
डीजीपी के काफिले पर पथराव
गुवाहाटी में असम के पुलिस प्रमुख भास्कर ज्योति महंत के काफिले पर पथराव किया गया। यह हमला उस वक्त हुआ, जब वह नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन का सामना कर रहे शहर का दौरा कर रहे थे। महंत का काफिला क्रिश्चियन बस्ती के पास गुवाहाटी-शिलांग रोड पर था, जहां यह हमला हुआ। काफिले में मौजूद कई वाहनों पर पथराव किया गया। काफिले को कई बार रुकना पड़ा क्योंकि पूरे मार्ग को प्रदर्शनकारियों ने बाधित कर रखा था। उन्होंने सड़क पर लकड़ी और लोहे के बैरीकेड लगा रखे थे।
अगप मुख्यालय पर हमला
गुवाहाटी के अंबारी क्षेत्र में असम गण परिषद् (अगप) के मुख्यालय पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया, बाहर खड़े वाहनों में तोड़फोड़ हुई। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारी शहर के मध्य में गोपीनाथ बोरदोलोई रोड पर स्थित इमारत में घुस गए और खिड़कियों के शीशों को तोड़ दिया और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने बताया कि इमारत के बाहर खड़े पुलिस के वाहनों सहित कई गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई। अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।
अभिनेता व असम भाजपा नेता जतिन बोरा ने पार्टी से इस्तीफा दिया।
मुख्यमंत्री ने लोगों से की शांति बनाए रखने की अपील
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ‘मैं असम के सभी लोगों से शांति और सौहार्द्र बनाए रखने की अपील करता हूं। यह हमारी सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक परंपरा है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमेशा की तरह असम के लोग आने वाले समय में शांति बनाए रखेंगे।’