卐 जय महाकाल 卐
प्रिय पाठकों,
सबसे पहले हमें जातक की कुंडली से यह तय करना चाहिए कि वह व्यवसाय करेगा या फिर नौकरी उसके बाद शिक्षा के क्षेत्र का तय करना चाहिए।शुरुआत से ही जातक को कौन सा विषय लेकर के शिक्षा ग्रहण करना उपयोगी होगा यह जानकारी कुंडली की सहायता से तय कर लेना चाहिए।
हम शिक्षा के क्षेत्र को गणित, जीव विज्ञान, कला और वाणिज्य इन चार भागों में शिक्षा को बांटकर तय कर सकते हैं।
गणित इस विषय के कारक बुध ग्रह को माना गया है बुध ग्रह का संबंध अगर जातक के कुंडली में लग्न लग्नेश और कर्म क्षेत्र से बन जाए तो उसके गणित में सफल होने की संभावना को बढ़ा देता है अगर यही ग्रह शुभ ग्रह से दृष्ट हो तो उसके गणित में पारंगत होने की संभावनाएं और भी अधिक हो जाती है ।अगर मंगल की दृष्टि दशम भाव में स्थित बुध पर पड़ती है तो व्यक्ति गणित में माहिर होने की संभावना को और भी बढ़ा देता है। शनि के साथ मंगल का संबंध और उपर दिए 4 संबंधों में कोई भी संबंध बनने पर तकनीकी क्षेत्र में सफलता के योग बनाता है।
कला इस विषय में अध्ययन पंचम भाव का कारक ग्रह गुरु पंचम भाव तथा उसके स्वामी ग्रह का कमजोर होने के कारण जातक इस क्षेत्र में पढ़ाई करता है दशम भाव में राहु का संबंध व्यक्ति को राजनीति में सफलता दिलाता है इस योग में अगर शनि का बल मिल जाए तो व्यक्ति राजनीतिक क्षेत्र में अपना लोहा मनवाता है।
वाणिज्य इस विषय में अध्ययन बुध ग्रह का संबंध अगर लग्न के साथ साथ गुरु से भी बन जाए तो व्यक्ति इस क्षेत्र में सफलता हासिल करता है।
जीव विज्ञान सूर्य का मंगल के साथ अथवा षष्ठ भाव दशम भाव अथवा इनके स्वामी के साथ संबंध बनाता है तो व्यक्ति इस क्षेत्र में अथवा चिकित्सा क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
कुंडली में बृहस्पति का बली होकर केंद्र अथवा त्रिकोण में बैठना, पंचम भाव का बली होना तथा इस के स्वामी ग्रह का बली होना शुभ दृष्ट होना शुभ ग्रहों का इन पर दृष्टि अथवा प्रभाव होना अच्छी शिक्षा योग्यता को दर्शाता है, तथा इन्हीं का पीड़ित होना अथवा पंचम भाव में पाप प्रभाव में आना राहु केतु शनि की दृष्टि अथवा संबंध बनना पंचम भाव के स्वामी का छठे, आठवीं अथवा नीच राशि में बैठना शिक्षा के क्षेत्र में दिन में बाधा अथवा परेशानी को दर्शाता है। पंचम भाव अथवा पंचमेश से जब भी केतु संबंध बनाता है तो पढ़ाई में कष्टों के साथ साथ गैप भी करवाता है।
कुंडली का गहन अध्ययन कर हम यह पता कर सकते है की, जातक को कौन से विषय में रुचि होगी व भविष्य मे उसके जीवन के लिए किस विषय की शिक्षा उपयोगी होगी। कुछ विशेष ग्रह स्थितियो मे रत्नो के उपयोग या ग्रहो की शान्ती उपाय द्वारा लाभ लिया जा सकता है। आप नीचे लिखे मेरे नंबर पर संपर्क कर समस्त जानकारी मुझसे प्राप्त कर सकते है।
धन्यवाद
Astro Raju chhabra (devendre singh)
“”Kundli specialist”” Falit jyotish
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