नई दिल्ली : ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी घोषित करने के लिए पिछली बार राज्यसभा में पारित नहीं हो पाए और अब लैप्स हो चुके बिल को शुक्रवार को लोकसभा में नए सिरे से पेश किया गया. मुस्लिम महिला (वैवाहिक अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 उस अध्यादेश की जगह लाया गया, जो फरवरी में BJP-नीत नरेंद्र मोदी सरकार ने जारी किया था. बिल पिछली बार राज्यसभा में पारित नहीं हो पाया था. अब चंद्रबाबू नायडू की तेलुगूदेशम पार्टी (TDP) के छह में से चार सांसदों के गुरुवार को BJP में शामिल हो जाने की वजह से संसद के उच्च सदन में NDA की संख्या कुछ बढ़ गई है, जिनके पास कुल 245 में 102 सदस्य हैं.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और औवैसी में तीखी बहस, कांग्रेस ने किया तीन तलाक बिल का विरोध ओवैसी ने बिल को महिलाओं के हितों के खिलाफ बताया । 3 तलाक बिल पिछली लोकसभा में पारित हो चुका था, लेकिन सोलहवीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के कारण और राज्य सभा में लंबित रहने के कारण यह निष्प्रभावी हो गया। अब सरकार इसे दोबारा सदन में लेकर आई है,विपक्ष के विरोध के बीच यह बिल 74 के मुकाबले 186 मतों के समर्थन से पेश हुआ।