साथ में की पढ़ाई, परिवार की सहमति से रचाया प्रेम विवाह और साथ ही हुए दुनिया से विदा

इंदौर।  पलकेश और पलक ने साथ कॉलेज की पढ़ाई की और फिर पढ़ने लंदन भी साथ गए। दोनों में प्रेम हुआ और दो साल पहले परिवार की सहमति से विवाह कर लिया। एक नन्ही परी जिंदगी में आई तो खुशियां दोगुनी हो गई। महू में हुए हादसे ने सारे सपने तोड़ दिए। दोनों एक साथ अपनों को छोड़ दुनिया से अलविदा भी कह गए।

रीजनल पार्क स्थित मुक्तिधाम पर बुधवार को एक ही चिता पर जब दोनों के पार्थिव शरीर रखे गए तो देखने वालों को आंसू आ गए। वहीं, पलकेश के पिता मुकेश अग्रवाल दहाड़ मारकर रोने लगे। रोते हुए वे बोले- बेटा तू अपने साथ मेरी जिंदगी भी ले गया। यह देख मुक्तिधाम में खड़े नाते-रिश्तेदार और करीबी लोगों के साथ मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं।

बुधवार को पलक और पलकेश अग्रवाल की अंतिम यात्रा उनके डीबी सिटी निपानिया स्थित बंगले से डीबी सिटी के गेट तक निकाली गई। इसके बाद अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति के शव वाहन से मुक्तिधाम तक ले जाया गया। रिंग रोड पर जगह-जगह लग रहे जाम के चलते बायपास से मुक्तिधाम ले जाने का निर्णय लिया गया। दोनों को भतीजे प्रियांश ने मुखाग्नि दी। इस दौरान सामाजिक-व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। समाज के अरविंद बागड़ी, विष्णु बिंदल, टीकमचंद मित्तल, संजय अग्रवाल, कुलभूषण मित्तल, गोविंद सिंघल ने श्रद्धांजलि दी।

तीन माह की पहर के सिर से छिना माता-पिता का साया

पलकेश के पिता ट्रांसपोर्ट व्यवसायी मुकेश अग्रवाल का दर्द लाख समझाने से भी कम नहीं हो रहा था। नाते-रिश्तेदार उन्हें बार-बार ढांढस बंधा रहे थे, लेकिन उनके आंसू थम नहीं रहे थे। तीन माह की मासूम पहर के सिर पर भी अब माता-पिता का साया नहीं रहा।

जहां दिनभर काम का उत्साह रहता था, वहां छाया सन्नाटा

महू के माल रोड स्थित बंगला नंबर 76 पाथ इंडिया लि. का मुख्य कार्यालय व मालिक पुनीत अग्रवाल का बंगला। रोज यहां सैकड़ों कर्मचारी आते-जाते रहते थे, लेकिन बुधवार को सन्नाटा पसरा हुआ था। कर्मचारियों से सीधे संवाद रखने वाले पुनीत के खेल प्रेम से सभी वाकिफ हैं। उन्होंने कंपनी की भी एक क्रिकेट टीम बनाई थी। सार्वजनिक आयोजन होता था तो न सिर्फ अपना योगदान देते थे, बल्कि कर्मचारियों को भी प्रोत्साहित करते थे। दिव्यांग कर्मचारियों का वे विशेष ध्यान रखते थे।

कमर के नीचे का हिस्सा नहीं कर रहा काम

हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई निधि घटना के बाद से ही बेहोश है। चोइथराम अस्पताल प्रबंधन के अनुसार उसके कमर के नीचे का हिस्सा काम नहीं कर रहा है। निधि मुंबई की रहने वाली है। हादसे में उन्होंने पति और बेटे को खो दिया है लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है।

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