वार्षिक भविष्यफल-2020 : Rashifal 2020 : नए वर्ष का स्वागत करते हुए उसमें छिपी संभावनाओं को देखना और आशंकाओं से सतर्क रहना बहुत जरूरी है। जब हम ग्रहों के अनुसार अपने बर्ताव को संयत करते हैं तो हमें अच्छे नतीजे प्राप्त होते हैं। अपनी राशि के अनुरूप अपने व्यवहार में बदलाव करके भी स्थितियों को अपने अनुकूल बनाया जा सकता है। ग्रहों की चाल हमें यही बताती है कि किस परिस्थिति में हमें किस तरह चलना है। आइए जानें और अपने आने वाले साल को बेमिसाल बनाएं।
खुलेगा खुशियों का पिटारा, नया साल होगा हमारा!
मेष
अ, ल, चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ
वर्ष की शुरुआत बहुत ही शुभ ग्रह स्थिति से हो रही है। जनवरी से लेकर मार्च के मध्य मंगल को छोड़कर सभी प्रमुख ग्रह नवम भाव में विराजमान हैं। वर्ष की शुरुआत बहुत ही बेहतरीन रहेगी। भाग्य प्रत्येक कार्य में आपको सहयोग करेगा। धन, भूमि-भवन संबंधी योजनाएं क्रियान्वित होंगी। विदेश संबंधी महत्वपूर्ण कार्य भी संपन्न होंगे। बौद्धिक उत्थान के लिए भीउत्तम समय है। अध्यात्म के क्षेत्र में भी रुचि बढ़ेगी।अप्रैल से जून के मध्य का समय आपके लिए उत्तम फलदायी रहेगा। बृहस्पति मकर राशि यानी दशम भाव में आकर शनि के साथ युति बनाएगा अर्थात बृहस्पति मकर राशि में नीच हो जाता है परंतु शनि के युति होने से यहां नीचभंग राजयोग बन रहा है। साथ ही शनि, बृहस्पति का केंद्र-त्रिकोण संबंध दशम भाव में होने से उत्तम राजयोग बन रहा है। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी अतः प्रैक्टिकल होकर आगे बढ़ें। घर परिवार में सुख-समृद्धि का वास होगा।
जुलाई से 20 नवंबर के मध्य बृहस्पति पुनः धनु राशि में विचरण करेगा। 19 सितम्बर से राहू वृष और केतु वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे। यह समय नई योजनाओं को मूर्तरूप देने का है। साझेदार तथा विदेश संबंधी कार्यों के लिए उचित समय है। अगर कोई भूमि संबंधी विवाद कोर्ट-कचहरी में चल रहा है तो उसे आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास करेंगे तो आपको सफलता प्राप्त होगी।
20 नवंबर से दिसंबर अंत तक बृहस्पति पुनः मकर राशि यानी दशम (कर्म) स्थान में प्रवेश कर शनि के साथ युति बनाएंगे। इस युति से शनि कर्मक्षेत्र को प्रबल करेंगे। आपकी राशि के लिए यह पूरा वर्ष सहयोगात्मक याअनुकूल रहेगा। स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी कम होंगी।
वृष
ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो
जनवरी से मार्च के दौरान वृष राशि के जातकों के अष्टम भाव में कई ग्रहों- बृहस्पति, शनि, केतु, बुध, सूर्य की युति रहेगी। हालांकि 24 जनवरी को शनि मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा। जब अष्टम भाव में बहुत से ग्रह हों तो एक अलग-सी स्थिति उत्पन्न करते हैं। अगर दशा अच्छी हो तो कई संकटों से मुक्ति मिलेगी। और अगर दशा शुभ नहीं है तो समय ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो जाता है। कुछ दबे हुए मसले उठ सकते हैं। अतः दशा ही तय करेगी कि इस समय फल क्या मिलेगा। तो सहज होकर स्थिति का सामना करें। जनवरी के माह में आपका प्रयास यह होना चाहिए कि विकट स्थिति में धैर्य बना रहे।
अप्रैल से जून के मध्य बृहस्पति भी अतिचारी होकर मकर राशि यानी नवम भाव में आ जाएगा और यह सुखद स्थिति है। पहले जो भी दिक्कतें, उलझनें आ रही थीं उनका समाधान मिलेगा। भाग्य का सहयोग बना रहेगा। रुकी हुई योजनाओं में गति आएगी। विदेश यात्रा के भी योग बन रहे हैं।
जुलाई से 20 नवंबर के मध्य बृहस्पति वक्रगति से वापस अष्टम भाव में प्रवेश कर जाएगा और राहू 19 सितंबर को वृषराशि में और केतु वृश्चिक राशि में आ जाएंगे। यह समय थोड़ा संघर्ष वाला रहेगा लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं है। बाद में उसके परिणाम शुभ ही मिलेंगे। अतः मेहनत से न डरें।20 नवंबर से दिसंबर तक का समय फिर से सुखद परिणाम लाने वाला है। बृहस्पति पुनः नवम भाव में शनि के साथ आ जाएगा और पिछले कुछ समय से संघर्ष की जो स्थिति चल रही थी उसके शुभ परिणाम सामने आने लगेंगे। जमीन-जायदाद के मामलों में सफलता मिलेगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और आय का कोई स्रोत भी प्राप्त हो सकता है। पारिवारिक वातावरण खुशहाली लिए रहेगा एवं परिवार में कोई शुभ कार्य भी संपन्न हो सकता है। कुल मिलाकर इस दौरान परिणाम आपके पक्ष में रहेंगे।
मिथुन
क, की, कु, घ, ड, छ, के, को, ह
जनवरी से मार्च के मार्च के मध्य आपका सप्तम भाव अधिकतर ग्रहों से प्रभावित रहेगा। हालांकि शनि 24 जनवरी को अष्टम भाव में, मकर राशि में आ जाएंगे। इस समय नई स्थितियां आपके सामने आएंगी। आप पिछले काफी समय से जिस परिवर्तन की चाह कर रहे थे अब उसमें सफलता मिलेगी। नए लोगों से मुलाकात होगी। विवाह के इच्छुक जातकों के लिए शुभ समाचारमिल सकता है।
अप्रैल से जून के मध्य बृहस्पति भी शनि के साथ अष्टम भाव में आ जाएंगे। यह स्थिति कुछ नकारात्मक प्रभाव देगी। कार्यों में व्यवधान आ सकते हैं। जिनकी वजह से खुद के ही गलत निर्णय होंगे। पूंजी निवेश में सावधानी बरतें। भूमि संबंधी कार्य भी उलझ सकते हैं।
जुलाई से 20 नवंबर के मध्य बृहस्पति दोबारा वक्री होकर सप्तम भाव में आएगा और 19 सितंबर को राहू वृष और केतु वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। आपकी योजनाएं पुनः क्रियान्वित होने लगेंगी। बस आपको अपने अंतर्मन की आवाज सुननी है और अपनी बौद्धिक क्षमताओं का इस्तेमाल करना है।
20 नवंबर से वर्षांत के दौरान बृहस्पति पुनः अष्टम भाव यानी मकर राशि में आ जाएंगे। अतः यह स्थिति फिर से कुछ व्यवधान उत्पन्न कर सकती है। पूंजी निवेश में कुछ परेशानी रहेगी। परिवार के किसी सदस्य का स्वास्थ्य चिंता का विषय हो सकता है। अतः 2020 पूर्ण वर्ष ही कुछ मिले-जुले परिणाम ही प्रदान करेगा।
कर्क
हि, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
वर्ष की शुरुआत यानी जनवरी से मार्च के मध्य महत्वपूर्ण ग्रह आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेंगे। छठे भाव में ग्रहों की यह स्थिति दो प्रकारस्थितियां निर्मित करती है। या तो पुरानी समस्याओं से निजात पा सकते हैं या और समस्याएं खड़ी हो सकती है। प्रत्येक स्थिति में समस्याओं का गौर से देखना होगा और उनका हल ढूंढना होगा। 24 जनवरी को शनि अपनी राशि मकर यानी आपके सप्तम भाव में प्रवेश करेगा। तब ग्रह भी आपके पक्ष में आना शुरू हो जाएंगे। परीक्षा, प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी। कोर्ट-कचहरी में चल रहे विवादित मामले सुलझेंगे। कोई भी समस्या या विवाद आपसी सहमति से सुलझाएंगे तो बेहतर रहेगा। साथ ही कुछ अस्त-व्यस्तता भी बनी रहेगी।
अप्रैल से जून के मध्य बृहस्पति अतिचारी होकर सप्तम भाव यानी मकर राशि में प्रवेश करेगा और शनि के साथ युति बनाएगा। यह युति कुछ राहत प्रदान करेगी। नई पार्टनरशिप के ऑफर मिलेंगे। नौकरी, व्यवसाय में नये अनुबंध प्राप्त होंगे। देश-विदेश में काम बढ़ाने का उचित अवसर है। विवाह के इच्छुक जातकों के लिए शुभ समाचार मिलेंगे। मित्रों व शुभचिंतकों का सहयोग बना रहेगा।
जुलाई से 20 नवंबर के मध्य बृहस्पति वक्रगति को प्राप्त कर पुनः धनु राशि में प्रवेश कर जाएगा। 19 सितंबर को राहू भी आपकी राशि से एकादश भाव वृष राशि में और केतु पंचम भाव वृश्चिकराशि में आ जाएंगे। यह ग्रह स्थिति मिश्रित परिणाम प्रदान करेगी। समस्याएं तो उत्पन्न होंगी लेकिन उन्हें हल करने के लिए आपको काफी मेहनत भी करनी पड़ेगी। कोई नया वाहन या भूमि संबंधी खरीददारी करने के लिए समय अच्छा है।
अब वर्ष के अंतिम चरण में बृहस्पति मार्गी होकर पुनः आपके सप्तम भाव में शनि के साथ युति कर लेगा। काफी हद तक परिस्थितियां आपके हक में होना शुरू हो जाएंगी। वर्ष का अंतिम पक्ष शुभ रहेगा। वर्ष की शुरुआत में जो संघर्ष की स्थिति थी अब उसके शुभ परिणाम मिलना प्रारंभ हो जाएंगे।
सिंह
मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टु, टे
आपकी राशि के लिए वर्ष की शुरुआत बेहतरीन ग्रह स्थिति से हो रही है। जनवरी से मार्च के दौरान पंचम भाव में प्रमुख ग्रह स्थित रहेंगे। पंचम भाव कलात्मक कार्यों का प्रतिनिधित्व करता है। अगर किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं तो आपको आश्चर्यजनक सफलता मिलेगी और ब्रह्मांड भी सहयोग करेगा। कला संबंध और ज्योतिष संबंधी कार्यों में सफलता मिलेगी।
अप्रैल से जून के मध्य बृहस्पति भी शनि के साथ छठे भाव में गोचर करेगा। यह समय प्रतिस्पर्धा का है। स्वयं को सिद्ध करने का है। अपनी क्षमता और ऊर्जाका भरपूर उपयोग करें। लाभदायक यात्राएं होंगी। मनोबल बढ़ेगा।
जुलाई से 20 नवंबर के मध्य बृहस्पति वक्री होकर पंचम भाव में आ जाएगा। 19 सितंबर को राहू वृष राशि में और केतु वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे तो यह स्थिति और बेहतरीन हो जाएगी। नए कार्य शुरू किए जा सकते हैं। संतान के इच्छुक दंपतियों के लिए संतान प्राप्ति के शुभ समाचार मिलेंगे। आर्थिक दृष्टि से बेहतरीन समय है।
20 नवंबर से दिसंबर के दौरान बृहस्पति पुनः छठे भाव में प्रवेश कर जाएंगे। जीवन में कुछ संघर्ष तो बढ़ेगा लेकिन सिंह राशि वाले लोग संघर्ष से घबराते नहीं हैं। बल्कि दोबारा से अपनी ऊर्जा एकत्रित करके रास्ता खोजते हैं। इस प्रकार कुल मिलाकर वर्ष भर अच्छा समय है।
कन्या
टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो
वर्ष के आरंभ में आपकी राशि से चतुर्थ भाव में बहुत से ग्रहों की युति रहेगी। शनि, बृहस्पति, बुध, सूर्य, केतु चतुर्थ भाव में विचरण कर रहे हैं। हालांकि शनि 24 जनवरी को धनु राशि से निकलकर मकर राशि यानि आपकी राशि से पंचम भाव में आ जायेगा। तो यह ग्रह स्थिति बताती है कि चतुर्थ भाव यानी सुख स्थान काफी प्रभावित रहेगा। पारिवारिक, भावनात्मक औरव्यक्तिगत उलझनें रहेंगी परन्तु ये सब तात्कालिक होंगी। धैर्य और संयम से स्थितियों को संभालने का प्रयत्न करेंगे तो आपको सफलता प्राप्त होगी। कार्यस्थल पर भी कुछ ऐसी ही स्थिति रहेगी। अतः संतुलन बनाकर रखना अति आवश्यक है।
वर्ष के दूसरे चरण अर्थात अप्रैल से जून के मध्य बृहस्पति भी मकर राशि में चला जाएगा और शनि के साथ युति करेगा। हालांकि बृहस्पति नीच के हैं परंतु स्वराशि के शनि के साथ होने के कारण नीचभंग राजयोग बना रहा है। सोची हुई योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए उचित समय है और उनके फल लंबे समय तक मिलते रहेंगे। स्वऊर्जा में इजाफा होगा। इस दौरान बच्चों का प्रदर्शन भी उनके अपने-अपने क्षेत्र में उत्तम रहेगा। घर में कोई मांगलिक कार्य भी संपन्न हो सकता है।
जुलाई से 20 नवंबर के मध्य बृहस्पति वक्री होकर पुनः धनु राशि में आ जाएगा। 19 सितंबर का राहू नवम भाव में वृष राशि में और केतु तृतीय भाव में वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। वर्ष का यह समय कुछ मिला-जुला रहेगा। कुछ नकारात्मक परिस्थितियां निर्मित होंगी। परंतु घबराएं नहीं, आपको समस्याओं के हल मिलते रहेंगे। हानि का भी कोई अंदेशा नहीं हैं लेकिन मानसिक तनावतो रहेगा ही।
वर्ष के अंतिम चरण में बृहस्पति मार्गी होकर पुनः मकर राशि में प्रवेश करेगा। यहां से जीवन की एक नई यात्रा का शुभारंभ होगा। पूरा वर्ष आपके पक्ष में है। वर्ष के बीच में जो नकारात्मक परिणाम मिल रहे थे उन्हें धैर्यपूर्वक सुलझाने से वर्ष के अंत में सुखद स्थिति उत्पन्न होगी।
तुला
रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू , ते
वर्ष के आरंभ में आपकी राशि से तृतीय भाव में पंचग्रही स्थिति बन रही है। जबकि 24 जनवरी को शनि आपकी राशि से चतुर्थ भाव यानी मकर राशि में आ जाएगा। कुल मिलाकर समय अच्छा रहेगा। कम्युनिकेशन के माध्यम से आपके व्यक्तित्व में विस्तार होगा। कुछ ऐसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों से मुलाकात होगी जो भविष्य में बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगे। जब भी बड़े लोगों से मिलें तो अपनी गरिमा बनाए रखें। इस दौरान यात्राएं बहुत होंगी और आने वाले समय में उपयोगी सिद्ध होंगी। व्यापार/नौकरी के लिए अच्छा समय है। इस समय कुछ ऐसे कार्य भी होंगे जिनकी आपने उम्मीद ही छोड़ दी थी। कार्य क्षेत्र में परिवर्तन आएगा जो आपकी बेहतरी के लिए होगा।
अप्रैल से जून के मध्य बृहस्पति अतिचारी होकर मकर राशि यानी आपके चतुर्थ भाव में प्रवेशकरके शनि के साथ युति बनाएगा। यह विचित्र ग्रह स्थिति रहेगी। चतुर्थ भाव में इन ग्रहों का होना भावनात्मक तौर पर उद्वेलित करता है। किसी अपने संबंधी द्वारा ही कुछ परेशानी उत्पन्न हो सकती है। कोई आपसी रंजिश उठ सकती है जिसका प्रभाव पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों स्तरों पर देखने को मिलेगा।
जुलाई से 20 नवंबर के मध्य बृहस्पति वक्र गति से पुनः तृतीय भाव यानी धनु राशि में प्रवेश करेंगे। 19 सितंबर से राहू भी वृष राशि अर्थात आपकी राशि से अष्टम भाव में आ जाएगा और केतु वृश्चिक राशि में विचरण करेगा। अतः कुछ उलझनें रहेंगी। धन संबंधी समस्याएं भी रहेंगी। परंतु ये सब उलझनें तात्कालिक हैं। मित्रों और शुभचिंतकों का सहयोग समय-समय पर मिलता रहेगा।
20 नवंबर से वर्ष के अंत तक बृहस्पति मकर राशि में विचरण करेगा। यह समय भी सावधानी बरतने का है। जरा-सी लापरवाही परेशानी उत्पन्न कर सकती है। कुल मिलाकर गतिशील समय है और गतिशीलता में ही जीवन है।
वृृश्चिक
तो, ना, नी, नू, या, यी, यू
जनवरी से मार्च के मध्य आपकी राशि से द्वितीय भाव अर्थात धनु राशि में बृहस्पति, शनि, केतु, बुध और सूर्य की युति रहेगी। 24 जनवरी को शनि आपके तृतीयभाव यानी मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ग्रहों की यह युति द्वितीय भाव में होने से धन संबंधी समस्याओं से निजात मिलेगी। किसी नए कार्य का शुभारंभ करने जा रहे हैं तो आपको सफलता प्राप्त होगी और इसमें लोगों से भी मदद मिलेगी। परिवार में बेहतरीन सामंजस्य देखने को मिलेगा। परिवार में कोई मांगलिक कार्य भी संपन्न होगा। सभी महत्वपूर्ण योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए समय अति उत्तम है।
अप्रैल से जून के मध्य बृहस्पति तीव्र गति से चलता हुआ मकर राशि में प्रवेश कर वहां स्थित शनि के साथ युति बनाएगा। आपके संपर्क क्षेत्र का विस्तार होगा। महत्वपूर्ण लोगों से भेंट-मुलाकात होगी। यात्रा से पर्याप्त लाभ होगा। आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा। खेलकूद संबंधी प्रतिस्पर्धा में विजय मिलेगी।
जुलाई से 20 नवंबर के मध्य बृहस्पति वक्रगति से चलता हुआ धनु राशि यानी आपकी राशि से द्वितीय भाव में आ जाएगा। फिर से एक नया माहौल बनेगा। किसी भी कार्यवश रुके हुए कार्यों में दोबारा गति आएगी। मुश्किलों से राहत मिलेगी। व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी। कोई नया कार्य भी प्रारंभ हो सकता है। बच्चों का प्रदर्शन अपने-अपने क्षेत्र में सराहनीय रहेगा।
वर्ष केअंतिम चरण में बृहस्पति फिर से मकर राशि में प्रवेश करेगा। यह समय भी गतिशीलता का है। आपकी मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। विदेश गमन के लिए प्रयत्नशील जातकों के लिए भी यह समय शुभ समाचार देगा। पारिवारिक वातावरण खुशहाली लिए रहेगा एवं परिवार में उत्सव का सा माहौल देखने को मिलेगा।
धनु
ये, यो, भा, भी, भू, धा, फ, ढ, भे
धनु राशि जातकों की कुंडली से जनवरी से मार्च के मध्य ग्रह गोचर की स्थिति बहुत ही सुखद है। सभी प्रमुख ग्रह धनु राशि में ही विचरण करेंगे। शनि 24 जनवरी को धनु राशि ये निकलकर मकर राशि में आ जाएंगे। यह वह समय है जब आप अपनी हर प्रकार की समस्याओं से निजात पा सकते हैं। यहां से मनोवांछित प्रगति की यात्रा प्रारंभ होगी। अतः इन तीनों महीनों का भरपूर उपयोग कर लाभ उठाया जा सकता है।
अप्रैल से जून के दौरान बृहस्पति भी मकर राशि में प्रवेश कर शनि के साथ युति बनाएंगे। धन भाव में यह युति सुखद स्थिति बनाती है। पारिवारिक समस्याओं का आसानी से हल निकलेगा। किसी नए प्रोजेक्ट या अनुबंध पर विचार करके उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे तो आपको सफलता प्राप्त होगी। इस समय प्रकृति की आपके पक्ष में है। इससमय का भरपूर उपयोग करें।
जुलाई से 20 नवंबर के मध्य बृहस्पति वक्रगति से चलता हुआ पुनः धनु राशि में प्रवेश कर जाएगा। राहू भी 19 सितंबर को छठे भाव यानी वृष राशि में और केतु वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। यह स्थिति पहले से अधिक बेहतर हो जाएगी। ये वो समय है यदि किसी बड़े मिशन में हैं तो उसमें अप्रत्याशित सफलता प्राप्त होगी। विरोधी चाहकर भी कोई हानि नहीं पहुंचा पाएंगे।
वर्ष के अंतिम चरण में बृहस्पति मार्गी होकर पुनः मकर राशि द्वितीय भाव में प्रवेश कर जाएगा। किसी रुके हुए विवादित मामले का हल अब आसानी से निकलेगा। रोजगार व स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हल होंगी। अतः कुल मिलाकर पूरा वर्ष ही शुभ फलदायक रहेगा।
मकर
भो, जा, जी, जू, खा, खू, गा, गी
मकर राशि के जातकों को पूरे वर्ष कुछ मिले-जुले परिणाम प्राप्त होंगे। जनवरी से मार्च के मध्य आपकी राशि से द्वादश भाव में प्रमुख ग्रह- सूर्य बृहस्पति, शनि, केतु, बुध विराजमान रहेंगे। 24 जनवरी को शनि आपकी राशि मकर में प्रवेश कर जाएगा। अतः धन संबंधी कार्यों में सतर्क रहें। बिना जानकारी के कोई भी कार्य नहीं करना है। किसी अजनबी पर भी ज्यादा विश्वास न करें।
मकरराशि वालों के लिए शनि की ढैया ज्यादा नुकसान नहीं करेगी, बस सावधानी बरतने की बात करती है।
अप्रैल से जून के मध्य बृहस्पति भी मकर राशि में आ जाएंगे और शनि के साथ युति बनाएंगे। शनि के साथ यह युति बृहस्पति का नीचभंग करती है। किसी भी उलझे कार्य को सुलझााने के लिए यह उचित समय है। पारिवारिक मसले हल होंगे। जीवन साथी के साथ संबंध अच्छे होंगे। सिर्फ आत्ममंथन करने की जरूरत है।
जुलाई से 20 नवंबर के मध्य बृहस्पति पुनः वक्री होकर द्वादश भाव में धनु राशि में विचरण करेगा। राहू 19 सितंबर से वृष राशि में और केतु वृश्चिक राशि में विचरण करने लगेंगे। आत्म निरीक्षण के लिए यह बेहतरीन समय है। योग और अध्यात्म का सहारा लेंगे तो आपके मनोबल में निरंतर निखार आएगा।
20 नवंबर से दिसंबर अंत तक बृहस्पति और शनि की युति मकर राशि में बनेगी। यह ग्रह गोचर पुनः यह हिदायत देता है कि असावधानीवश लिए गये कार्यों में नुकसान होगा। अतः सभी कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से ही करें। स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।
कुंभ
गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
जनवरी और मार्च के मध्य आपकी राशि के लिए ग्रह स्थिति बहुत हीअनुकूल है। आपके एकादश भाव में पंचग्रहीय योग बन रहा है। यह भाव इच्छापूर्ति का घर है। अतः अपनी योजनाओं को क्रियान्वित रूप देने के लिए बेहतरीन समय है। विदेश में भी रोजगार संबंधी कार्यों में सफलता मिलेगी। पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। अपनी ऊर्जा को उचित दिशा में लगाने के लिए प्रकृति भी सहायता करेगी।
अप्रैल से जून के मध्य शनि और बृहस्पति द्वादश भाव में गोचर करेंगे। शनि की साढ़े साती तथा बृहस्पति भी मकर राशि, अपनी नीचस्थ राशि में होंगे। परंतु चिंता की कोई बात नहीं है। शनि स्वराशि में होने से तथा बृहस्पति का नीचभंग होने से नुकसानदायक स्थिति नहीं है। सिर्फ धन संबंधी कार्यों में सावधानी रखें। जोखिमपूर्ण कार्यों को टाल दें। कागज संबंधी कोई भी कार्यवाही ध्यानपूर्वक करें।
जुलाई से 20 नवंबर के मध्य रुके हुए कार्यों में दोबारा गति आएगी। बृहस्पति पुनः एकादश भाव यानी अपनी राशि धनु में आ जाएंगे। नए संबंध बनेंगे। धन संबंधी कार्यों में सुधार होगा। कोर्ट-कचहरी संबंधी मामले सुलझेंगे। जमीन-जायदाद संबंधी योजनाएं बनेंगी।
20 नवंबर से दिसंबर के दौरान बृहस्पति पुनः आपकी राशि से द्वादश भाव में आ जाएगा। इस समय आपको मिश्रितफल प्राप्त होंगे। धन संबंधी योजनाओं पर एकाएक अमल न करें। स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है।
मीन
दी, दू, थ, झ, दे, दो, चा, चि
जनवरी से मार्च के मध्य मीन राशि वाले जातकों का दशम भाव ज्यादा प्रभावित रहेगा। अधिकतर ग्रह दशम भाव को छू रहे होंगे तो वे ग्रह कारक बन जाते हैं और बृहस्पति यहां स्वराशि अर्थात धनु राशि के होकर अन्य ग्रहों को कंट्रोल करेंगे। जबकि 24 जनवरी को शनि मकर राशि यानी एकादश भाव में चला जाएगा। अतः इस समय जो भी योजनाएं हों उनका शुभारंभ अभी से करेंगे तो अच्छी सफलता प्राप्त होगी। घर-परिवार के लिए यह ग्रह स्थिति शुभ है।
अप्रैल से जून के दौरान बृहस्पति अतिचारी होकर मकर राशि यानी एकादश भाव में प्रवेश करके शनि के साथ युति बनाएगा। हालांकि मकर राशि में बृहस्पति नीच हो जाएगा परंतु शनि के साथ युति और एकादश भाव में होने के कारण लाभजनक स्थिति बनाएगा। कोई बीज बोया है तो अब फसल काटने का समय आ गया है। नये कार्यों की लाभदायक स्थिति बनेगी। योग्य मित्र मिलेंगे। आय के नये स्रोत बनेंगे। निसंदेह सफलता प्राप्ति का समय है।
जुलाई से 20 नवंबर के मध्य बृहस्पति पुनःवक्री होकर दशम भाव में प्रवेश करेगा। 19 सितंबर को राहू वृष राशि में तो केतु वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। आगे बढ़ने के लिए उत्तम समय है। राजनैतिक संबंध बनेंगे। आर्थिक स्थिति में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। परिवार में मांगलिक कार्य संपन्न होंगे और परिवार में हर्षोल्लास का माहौल बना रहेगा।
20 नवंबर से दिसंबर के दौरान बृहस्पति पुनः अपनी स्वराशि धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर पहली वाली स्थिति निर्मित करेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। पारिवारिक खुशनुमा माहौल रहेगा। नए संबंध बनेंगे। लाभदायक यात्राओं को दौर रहेगा।