दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में एक बार फिर हिंसा का मामला सामने आया है। जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) ने दावा किया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने हिंसा को अंजाम दिया है। जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) अध्यक्ष आइशी घोष पर भी हमला किया गया। इस हमले में आइशी घोष के सिर में गंभीर चोट आई है। हमले में 20 से अधिक छात्रों के घायल होने की खबर है।
बता दें कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जेएनयू छात्रों से विश्वविद्यालय की गरिमा बनाए रखने और परिसर में शांति बनाए रखने का आग्रह किया। एचआरडी मंत्रालय ने रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार से रविवार रात को हुई हिंसा पर तत्काल रिपोर्ट मांगी है। केन्द्रीय मंत्री एस. जयशंकर और निर्मला सीतारमण ने जेएनयू में हुई हिंसा की घटना की निंदा की है।
सीतारमण ने कहा कि हिंसा की तस्वीरें भयावह हैं और सरकार चाहती है कि विश्वविद्यालय सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित स्थान बने। गृह मंत्री और एचआरडी मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस और जेएनयू प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में ‘हिंसा पर प्रियंका गांधी ने दावा किया कि AIIMS के घायल छात्रों ने उन्हें बताया कि गुंडे परिसर के अंदर घुसे और डंडों एवं अन्य हथियारों से उन पर हमला करने लगे जिससे कई छात्रों के हाथ-पैर टूट गए और कई को सिर पर चोट आई है। कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि एक छात्र ने उन्हें बताया कि पुलिस ने कई बार उसके सिर पर लात मारी।
प्रियंका ने ट्वीट किया, ‘किसी सरकार के लिए यह सचमुच बहुत शर्मनाक है, जो अपने ही बच्चों पर हिंसा की अनुमति देती है और उसे बढ़ावा देती है। कांग्रेस महासचिव ने ट्वीट किया, ‘भारत ने उदार लोकतंत्र के तौर पर वैश्विक प्रतिष्ठा बनाई थी। अब मोदी-शाह के गुंडे हमारे विश्वविद्यालयों में उपद्रव कर रहे हैं, हमारे बच्चों में भय फैला रहें हैं जिन्हें बेहतर भविष्य के लिए तैयार किया जाना चाहिए। इस सबके बावजूद भारतीय जनता पार्टी के नेता पूरी मीडिया में दिखा रहे हैं कि ये उनके गुंडे नहीं थे जिन्होंने हिंसा की। लोगों को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता।