राज्य में छोटे भू-खण्डों की खरीदी-बिक्री पर लगी रोक हटने से न केवल खरीदने वालों को बल्कि उससे बेचने वालों को भी बड़ी राहत

रायपुर : संतोष कुमार साहू का परिवार अब किराए के मकान में नही रहेगा बल्कि वह अपने खुद के मकान में रह सकेगा। रायपुर के फाफाडीह शास्त्रीनगर निवासी संतोष कुमार साहू मेहनत मजदूरी कर अपने खून-पसीने की गाढ़ी कमाई से 6 साल पहले कृपाराम से रायपुर के बोरियाखुर्द में 1500 वर्गफीट जमीन खरीदी थी, परंतु 5 डिसमिल से कम जमीन की खरीदी-बिक्री पर लगी रोक के कारण जमीन का नामांतरण उसके नाम में नही हो पा रहा था। नामांतरण नही होने से संतोष साहू अपनी ही जमीन पर मकान नही बना पा रहे थे और उनका परिवार जमीन होने के बावजूद किराए के मकान में रहने को मजबूर था। संतोष साहू का कहना है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में बनी नई सरकार ने हम गरीबों की सुनी और छोटे भूखण्डों की खरीदी-बिक्री को फिर से चालू करवाया, मेरे द्वारा खरीदी जमीन अब मेरे नाम में हो गई है अब मैं उसमें अपना घर बना सकूंगा। मुख्यमंत्री के इस फैसले से मेरे जैसे हजारों गरीब परिवारों के स्वयं के आशियाना का सपना अब साकार हो सकेगा। इसके लिए हम सभी मुख्यमंत्री श्री भूपेष बघेल के आभारी है।

संतोष को खून-पसीने से खरीदी जमीन का 6 साल बाद मिला मालिकाना हक, संतोष का परिवार अब किराए के मकान में नही बल्कि रहेगा अपने मकान में

खरीदने वाले ही नही बेचने वालों को भी मिली राहत

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य में छोटे भू-खण्डों की खरीदी-बिक्री पर लगी रोक हटाने से न केवल खरीदने वालों को बल्कि उससे बेचने वालों को भी बड़ी राहत मिली है। रायपुर के छत्तीसगढ़नगर टिकरापारा निवासी श्री नवीन कुमार साहू बताते है कि उन्होंने 2013 में अपने ही रिश्तेदारों को 1300-1300 वर्गफीट का भूखण्ड बेचा था परंतु नामांतरण नही होने के कारण उनके और उनके रिश्तेदारों के मध्य मनमुटाव उत्पन्न हो गया था। परिवार के सदस्यों के बीच जमीन को लेकर बातचीत तक बंद हो गई थी, रिश्तेदार हमेशा ताना मारते थे कैसी जमीन बेचे हो कि उसमें उनका नाम ही नही चढ़ रहा। श्री नवीन कुमार साहू अब बहुत खुश है कि उनके द्वारा बेची गई जमीन में उनके रिश्तेदारों का नाम चढ़ गया है और अब उनके रिश्तेदारों के बीच इसे लेकर जो मनमुटाव था वह भी खत्म हो गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *