निर्भया केस के चारों दोषी फांसी के फंदे से खुद को दूर रखने के लिए नए नए पैंतरे आजमा रहे हैं। एक दोषी मुकेश ने राष्ट्रपति द्वारा खारिज की गई दया याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन लगाई है। इस पर मंगलवार को शीर्ष कोर्ट ने सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने मुकेश की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा राष्ट्रपति ने जल्दबाजी में फैसला नहीं लिया है। शीर्ष कोर्ट ने यह कहा सभी रिकॉर्ड राष्ट्रपति भवन में भेजे गए थे। राष्ट्रपति ने सभी जरूरी दस्तावेज देखकर फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा इसमें हमारे दखल की जरुरत नहीं है।
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को मुकेश की दया याचिका ठुकरा दी थी। इसके बाद बीते शनिवार को मुकेश ने इसकी न्यायिक समीक्षा की मांग करते हुए याचिका दायर कर दी थी। इस बीच दोषी अक्षय कुमार सिंहह द्वारा भी फांसी की सजा के फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव पिटीशन दायर कर दी गई है। गौरतलब है कि 1 फरवरी को सुबह 6 बजे चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी देने का डेथ वारंट जारी हुआ है।
जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर भानुमती और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच द्वारा मंगलवार को मुकेश की याचिका पर सुनवाई की गई थी। इस दौरान दोषी की वकील अंजना प्रकाश ने दया याचिका खारिज किए जाने को लेकर अपना पक्ष रखा था। इसके साथ ही जेल के भीतर मुकेश का यौन उत्पीड़न होने की जानकारी भी कोर्ट के सामने रखी थी। वहीं सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा था।
दूसरी बार जारी हुआ है डेथ वारंट
निर्भया केस के दोषी पवन, मुकेश, विनय और अक्षय को फांसी देने का डेथ वारंट दूसरी बार जारी हुआ है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पहली बार जब डेथ वारंट जारी किया था, उस वक्त चारों आरोपियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी देने का कहा गया था। लेकिन कानूनी उलझनों के बाद कोर्ट को फांसी की तारीख आगे बढ़ाते हुए नया डेथ वारंट जारी करना पड़ा था। इसमें 1 फरवरी को फांसी देना तय किया गया है।