धनबाद : एक ही घर में बिजली के दाे-दाे मीटर…अाैर दाेनाें के बिल भी अलग-अलग। इस स्थिति से धनबाद के भूली के धारजाेड़ी में रहनेवाले करीब 150 घराें के लाेग परेशान हैं। उनके सामने अब दाे बिलाें के भुगतान की मुश्किल अा खड़ी हुई है, वह भी दाे अलग-अलग सब-डिवीजनाें में। यह सब हाे रहा है बिजली वितरण निगम की लापरवाही अाैर उसके ठेकेदार की मनमानी से।
असल में, धारजाेड़ी के घराें में पहले से ही बिजली के मीटर लगे थे। धनबाद डिवीजन के नया बाजार सब-डिवीजन क्षेत्र की अाेर से इन 150 घराें में मीटर एलाॅट किए गए थे। अब कतरास सब-डिवीजन की अाेर से भी जबरन नए मीटर लगा दिए गए हैं। वहां से मीटर लगाने का जिम्मा ठेकेदार काे साैंपा गया था। ठेकेदार ने अपना टार्गेट पूरा करने अाैर बिलिंग बढ़ाने के लिए ही पहले से मीटर लगे हाेने के बाद भी नए मीटर लगा दिए। उपभाेक्ता कहते रहे कि उनके घराें में पहले से मीटर लगे हैं, लेकिन ठेकेदार ने सरकारी अादेश की धाैंस दिखाते हुए उनकी एक न सुनी। लाेगाें ने इस पूरे मामले की शिकायत बिजली विभाग के अफसराें से की है।
दाे सब-डिवीजनाें में जमा करने की बाध्यता
ठेकेदार की मनमानी की वजह से धारजोड़ी के 150 परिवाराें के लाेग बिजली के इस्तेमाल के एवज में दाे सब-डिवीजन क्षेत्राें, नया बाजार अाैर कतरास, में बिजली बिल का भुगतान करने काे बाध्य हाे गए हैं। उनका कहना है कि वे घर में बिजली की खपत के मुताबिक पहले से ही हर महीने 400 से 500 रुपए का भुगतान करते अा रहे हैं। अब दूसरे मीटर के मुताबिक अाैर रुपए जमा करना उनके लिए परेशानी की वजह बन जाएगी।
जबरन कागजात जमा कराए, अवैध वसूली भी की
धारजोड़ी के बेलाल ने बताया कि गांव के सभी घरों में बिजली कनेक्शन होने की जानकारी ठेकेदार को पहले से ही थी। इसके बावजूद उसने कनेक्शन के लिए जरूरी कागजात मांगे। विरोध करने पर उसने सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाकर थाने में केस करने की धमकी भी दी। डर से ग्रामीणाें ने कागजात जमा कर दिए। यही नहीं, कनेक्शन के नाम पर ठेकेदार ने हर घर से 400 से 500 रुपए भी वसूल लिए।
नियमत: एक घर में दो सब-डिवीजनाें का कनेक्शन गैरकानूनी
नियमाें के मुताबिक, एक ही उपभोक्ता को दो सब-डिवीजनाें से बिजली कनेक्शन नहीं दिया जा सकता है। यह गैरकानूनी है। लेकिन, नियमाें काे ताक पर रख कर ठेकेदार ने जबरन धारजोड़ी में दूसरा कनेक्शन दे दिया। मामला सामने अाने के बावजूद बिजली वितरण निगम के अफसर ठेकेदार के ही बचाव में दिख रहे हैं।