साल 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी अक्षय सिंह की डेथ वारंट पर रोक की याचिका पर सुनवाई से पहले पीड़ित निर्भया की मां आशा देवी ने कहा है कि मैं 7 साल 3 महीने से संघर्ष कर रही हूं। वो कहते हैं हमें माफ कर दो। कोई कहता है कि मेरे पति, बच्चे की क्या गलती है। मैं कहती हूं कि मेरी बच्ची की क्या गलती थी? आपको बता दें कि दोषी पवन कुमार गुप्ता की सुधारात्मक याचिका पर भी आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ न्यायमूर्ति रमण के चैंबर में सुधारात्मक याचिका पर सुनवाई करेगी। पवन समेत तीन अन्य दोषियों को तीन मार्च को फांसी होने वाली है।
निर्भया मामले में चारों दोषियों की फांसी तीन मार्च को अटक सकती है। इसके पीछे वजह है दोषियों की याचिकाएं जो कोर्ट में लंबित हैं। वहीं, अक्षय ने नई चाल चलते हुए राष्ट्रपति के समक्ष फिर से दया याचिका दायर की है जबकि राष्ट्रपति अक्षय की इससे पहले दया याचिका खारिज कर चुके हैं। अक्षय के वकील एपी सिंह का कहना है कि राष्ट्रपति ने जो दया याचिका खारिज की थी वह अपूर्ण थी। इसलिए दोबारा हमने राष्ट्रपति से दया की याचिका की है।
बता दें कि पवन ने अपराध के समय खुद के नाबालिग होने का दावा करते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध किया है। पवन ने वकील ए पी सिंह के जरिए सुधारात्मक याचिका दाखिल कर मामले में अपीलों और पुनर्विचार याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को खारिज करने का अनुरोध किया है।
पवन जल्दाद पहुंचा तिहाड़, कल हो सकता है फंदे का ट्रायल
पवन जल्लाद तिहाड़ जेल में पहुंच चुका है और तिहाड़ के गेस्ट हाउस में ठहरा है जो जेल मुख्यालय में है। वह सोमवार को फांसीघर का अधिकारी के साथ निरीक्षण करेगा और रस्सी सहित डमी ट्रायल करेगा। दरअसल कानूनी दांव-पेच के बीच तिहाड़ जेल प्रशासन निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने की अपनी तरफ से अंतिम तैयारी को अंजाम देने में जुटा है।
जेल सूत्रों के मुताबिक सोमवार को पवन डमी ट्रायल करेगा। बक्सर से मंगाई गई रस्सी से फंदा तैयार इस पूरी प्रक्रिया की वह दोबारा से जांच करेगा। ताकि यह पता लगाया जा सके फांसी के तख्ते का लटकाने के लिए तैयार सबकुछ सामान्य तरीके से काम कर रहा है या नही। अमूमन ट्रायल के दौरान रस्सी की मजबूती जानने के लिए एक बार दोषियों के वजन से डेढ़ गुना अधिक वजन के पुतले तो एक बार दोषियों के वजन के पुतलों को जल्लाद लटकाकर इसकी जांच करेगा।
24 घंटे रखी जा रही है निगरानी
जेल मैनवल के हिसाब से चारों दोषियों पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए प्रत्येक आरोपी पर नजर रखने के लिए दो-दो सुरक्षाकर्मियों को राउंड द क्लॉक (24 घंटे) के लिए लगाया गया है। इसके लिए आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्ट में दो-दो सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। वहीं इनके व्यवहार, बातचीत और सोचने -समझने के तौर-तरीकों की भी गंभीरता से मॉनिटरिंग की जा रही है।