छत्तीसगढ़ की संस्कृति, विरासत और लोकरंगों से युवाओं को जोड़ना जरूरी: CM भूपेश बघेल

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) जिले के गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय (Guru Ghasidas Central University) में दीक्षांत समारोह (Convocation) का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए. गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह में सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कहा कि युवाओं को प्रदेश की संस्कृति, विरासत और लोकरंगों से जुड़ने चाहिए. मालूम हो कि बिलासपुर के गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय का 8वां दीक्षांत समारोह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मौजूदगी में संपन्न हुआ. राष्ट्रपति ने 9 संकायों के टॉपर छात्रों को स्वर्ण पदक से नवाज़ा. इस दौरान राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के शिक्षा, शोध और नवाचारों की तारीफ की. साथ ही नक्सलवाद के दंश से जूझते प्रदेश में शिक्षा की रोशनी से ही नक्सलवाद के दुष्प्रभाव के खत्म होने की बात कही.

सीएम भूपेश बघेल ने कहा

दीक्षांत समारोह को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी संबोधित किया. उन्होंने समारोह में स्वर्ण पदा और उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों को बधाई दी. सीएम बघेल ने कहा कि युवाओं को जितनी जरूरत नए संसाधनों की है,उससे ज्यादा जरूरत उनकी प्रतिभा पर विश्वास जताने की है. मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में व्यवहारिक बदलाव लाने की बात कहकर सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा,गरूवा, घुरूवा , बाड़ी की परिकल्पना को लेकर छात्रों से उच्छ शिक्षा के साथ हर एक छात्र को अपने गांव के विकास, पशुधन संरक्षण और कृषक जीवन के विषय को अध्ययन, अध्यापन से जोड़ने की जरूरत बताई.

इन्हें मिला गोल्ड मेडल 

कुमारी क्वीनी यादव, बीएससी ऑनर्स गणत 94.49 प्रतिशत अंक, अर्पिता नायक, एमएससी जु लॉजी 92.3 प्रतिशत अंक, कुमारी चंद्रिका, बीएससी ऑनर्स भौतिक शास्त्र 92 प्रतिशत अंक, दबारून दास भौमिक, बीटेक मैकेनिकल 90.1 प्रतिशत अंक, किशोर कुमार कोठारी, एमए अर्थशास्त्र 90.1 प्रतिशत अंक, कुमारी पूजा पटेल, बीकॉम ऑनर्स 90 प्रतिशत अंक, विनोद कुमार खुंटे, एमलिब 89.8 प्रतिशत अंक, कुमारी आयुषी सिंह डीफार्मा 88.1, प्रतिशत अंक, कुमारी माधुरी मरकाम, बीकॉम एलएलबी 83 प्रतिशत अंक, कुमारी क्वीनी यादव को विश्वविद्यालय में सभी संकायों में से सर्वाधिक अंक प्राप्त करने के लिए गुरू घासीदास पदक से भी नवाज़ा गया.

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