पाकिस्तान के इशारे पर भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों की जासूसी करने वाले श्रीलंकाई नागरिक को विशेष एनआईए अदालत ने दोषी ठहराते हुए पांच साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रवक्ता ने बताया, श्रीलंका के अरुण सेल्वाराजन को कोर्ट ने आईपीसी, गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, पासपोर्ट अधिनियम व अन्य अधिनियम के तहत दोषी करार दिया।
अधिकारियों के मुताबिक, सितंबर, 2012 में तमिलनाडु के तंजावुर जिले के तमीम अंसारी नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था, जो कोलंबो स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात आमिर जुबैर समेत कई पाक इंटेलीजेंस अधिकारियों के लिए जासूसी का प्रबंध करता था। तमिलनाडु के त्रिची में इस संबंध में 17 सितंबर, 2012 को केस दर्ज किया गया था। इसके बाद एनआईए ने 1 मई, 2013 को दोबारा केस दर्ज करते हुए जांच अपने हाथ में ली।
अधिकारियों ने बताया, 10 सितंबर, 2014 को एनआईए ने श्रीलंकाई नागरिक सेल्वाराजन को गिरफ्तार किया। उसने और तमीम अंसारी ने पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के साथ मिलकर तमिलनाडु के कई संवेदनशील जगहों व रक्षा प्रतिष्ठानों की जासूसी की थी। 6 मार्च, 2015 को जांच एजेंसी ने अंसारी व सेल्वाराजन के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, वहीं 30 मार्च, 2016 को सेल्वाराजन के खिलाफ पूरक चार्जशीट दायर की गई।