मरीजों की इच्छाशक्ति और डॉक्टरों की देखभाल से हारा कोरोना

कोरोना को लेकर पूरी दुनिया में हड़कंप मचा है लेकिन सफदरजंग अस्पताल से कोरोना से संक्रमित 16 में से सात मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। इसकी वजह मरीजों की इच्छाशक्ति और डॉक्टरों की उचित देखभाल है। कोरोना को लेकर बने देश के सबसे बड़े नोडल केंद्र सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बलविंदर सिंह ने खुशी जाहिर कहते हुए कहा कि इस कठिन दौर में अस्पताल ने अपनी पहचान साबित कर दिखाया। लक्षणों के आधार पर संक्रमित मरीजों को उपचार दिया गया। अगर किसी को बुखार है तो पैरासिटामोल दी गई। अगर किसी को सांस लेने में दिक्कत हुई तो उससे जुड़ी डोज दी गई। एंटी वायरल डोज के जरिये मरीजों का इलाज किया गया।

डाक्टरों को माहौल को स्वस्थ रखा
देखभाल से ज्यादा मरीजों की इच्छाशक्ति ने कोरोना को मात दी। सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीजों की बिल पावर स्ट्रांग बनाने के लिए वार्ड का माहौल स्वस्थ रखा। सुबह से लेकर रात तक उनकी निगरानी की गई। पोषण आहार, मेडिकल केयर इत्यादि के अलावा बीच-बीच में वार्ड का माहौल खुशनुमा बनाया। ताकि कोरोना से पीड़ित मरीज मानसिक तनाव से मुक्त रहें।
हंसते हुए विदा हुए मरीज
कोरोना वायरस का नाम सुनते ही लोग दहशत में आ जाते हैं। वहीं, सफदरजंग अस्पताल से सात मरीज कोरोना से जंग लड़ते हुए जीत कर घर जा चुके हैं। ये हंसते हुए अस्पताल से विदा हुए। डॉक्टरों का कहना है कि दो से तीन सप्ताह तक इन मरीजों का उपचार चला। इन्हें मेडिकल टीम से इतना लगाव हुआ कि इन्होंने काफी देर तक उनके साथ बातचीत की। इसके बाद वे वहां से हंसते हुए विदा हुए।
जो मिलते थे रोज, वे भी सुरक्षित
कोरोना वायरस से भले दुनिया में कई हजार लोगों की अब तक मौत हो चुकी हो, लेकिन एक सच यह भी है कि सतर्कता बरतने पर इससे बचा जा सकता है। सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर हर दिन संक्रमित मरीजों से मिलते थे। उनके साथ बातें करते थे। उन्हें उपचार भी दे रहे थे। इसके बाद वे अपने घर भी जा रहे थे। इसके बाद भी वे सुरक्षित हैं। इसके पीछे वजह है उनकी सतर्कता। डॉक्टरों के अनुसार अगर हर कोई अपना बचाव स्वयं करेगा तो कोरोना वायरस देश से अलविदा हो जाएगा।

9 दिन में ही ठीक होकर घर पहुंचा केस नंबर तीन

6 मार्च को दिल्ली के उत्तम नगर निवासी एक युवक में कोरोना संक्रमण मिलने के बाद उसे सफदरजंग अस्पताल भर्ती कराया गया। महज 9 दिन के भीतर ही डॉक्टरों ने युवक को ठीक कर दिया। रविवार को युवक हंसते मुस्कराते अपने घर के लिए रवाना हुआ। यह दिल्ली का केस नंबर तीन था। केस नंबर एक और तीन अब डिस्चॉर्ज होकर घर जा चुके हैं।

अभी तक डिस्चॉर्ज हुए मरीज
राज्य      डिस्चॉर्ज मरीज
दिल्ली     दो
यूपी       पांच

अभी भी मरीज भर्ती
राज्य     भर्ती मरीज
दिल्ली    चार
यूपी       पांच

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