मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए भाजपा ने ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर रविवार को पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और धर्मेंद्र प्रधान ने सभी भावी परिस्थितियों पर विचार विमर्श के बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कानूनी राय भी ली। सिंधिया गुट के कांग्रेस के 22 विधायकों के अतिरिक्त सपा, बसपा और निर्दलीय 7 विधायकों में से 6 भाजपा के संपर्क में हैं।
करीब ढाई घंटे चली बैठक में सीएम कमलनाथ द्वारा अपनी सरकार बचाने के लिए किए जाने वाले सभी भावी उपायों की काट खोजी गई। तय किया गया कि 28 विधायकों को किसी भी सूरत में साथ रखा जाए, जिससे कमलनाथ सरकार किसी भी परिस्थिति में विश्वास मत हासिल न कर पाए। इसके अलावा कमलनाथ सरकार द्वारा सोमवार को शक्ति परीक्षण नहीं कराने के स्थिति में भावी विकल्पों पर भी चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक ऐसा नहीं करने पर भाजपा के सभी विधायक राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेंगे।
अपने 107 विधायक पर निगरानी रखने, सिंधिया समर्थक विधायकों से संपर्क साधे रखने और निर्दलीय एवं अन्य 6 विधायकों को अपने पाले में बनाए रखने के लिए भाजपा ने अलग-अलग नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। इनमें कांग्रेस के 22 विधायकों को संभालने का जिम्मा ज्योतिरादित्य के पास है। जबकि भाजपा विधायकों पर निगाह रखने के लिए अलग-अलग कई वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है।
इसी प्रकार निर्दलीय एवं अन्य विधायकों से लगतार संपर्क बनाए रखने के लिए भी दो नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। गौरतलब है कि राज्यपाल ने मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर को सोमवार को उनके अभिभाषण के तत्काल बाद कमलनाथ सरकार का शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश दिया है। स्पीकर द्वारा इस निर्देश का पालन नहीं करने की स्थिति में राज्यपाल कानूनी विमर्श के बाद भावी कदम उठाएंगे।
राज्यपाल ने बहुमत परीक्षण के जारी किए निर्देश
दरअसल, एमपी के राज्यपाल लालजी टंडन ने बहुमत परीक्षण के निर्देश जारी किए हैं। इसमें उन्होंने कहा, मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र 16 मार्च, 2020 को प्रात: 11 बजे प्रारंभ होगा और मेरे अभिभाषण के तुरंत बाद एकमात्र कार्य विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा। विश्वासमत मत विभाजन के आधार पर बटन दबाकर ही होगा और अन्य किसी तरीके से नहीं किया जाएगा।
सिंधिया समर्थक 22 बागी विधायक बंगलूरू के रामदा होटल में शिफ्ट किए गए
सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 22 बागी विधायकों को बंगलूरू के ही रामदा होटल में शिफ्ट किया गया। ये विधायक यहां के प्रेस्टीज गोल्फशायर क्लब में ठहरे हुए थे।
कांग्रेस विधायक जयपुर से भोपाल पहुंचे
जयपुर के रिसॉर्ट में ठहरे कांग्रेस विधायक रविवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत की अगुआई में जयपुर से भोपाल पहुंचे।
यह है गणित
कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद 230 सीटों वाली विधानसभा में 222 सदस्य रह गए हैं। दो सीटें दो विधायकों की मौत के बाद से खाली चल रही हैं। ऐसे में बहुमत के लिए 112 विधायकों की जरूरत है। सियासी ड्रामे से पहले कांग्रेस ने चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायकों के साथ आने के बाद 121 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी।
विधानसभा में 114 सदस्यों वाली कांग्रेस के पास 22 विधायकों के इस्तीफे के साथ 92 विधायक रह गए हैं। बाकी के 16 विधायकों के इस्तीफे कांग्रेस ने स्वीकार नहीं किए हैं। वहीं, भाजपा के पास बहुमत से पांच कम 107 विधायक हैं।
भाजपा अवसाद में है: कांग्रेस
हम सोमवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं और यकीन है कि हम आसानी से जीतेंगे। हम निराश नहीं हैं, बल्कि भाजपा अवसाद में है। बागी विधायक हमारे संपर्क में हैं। हमारे पास 112 से ज्यादा विधायक हैं।-हरीश रावत, कांग्रेस
अब अपने विधायकों की सलामती के लिए चिंतित हूं, जो बंगलूरू में हैं और भोपाल क्यों क्यों नहीं आ रहे हैं। विश्वास मत का परीक्षण का फैसला सोमवार को सदन में ही लिया जाएगा।-एनपी प्रजापति, विधानसभा अध्यक्ष
सभी विधायकों का होगा कोरोना टेस्ट
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा की गई कि हमारे विधायक जो जयपुर से आए हैं, उनका चिकित्सकीय परीक्षण किया जाना चाहिए। साथ ही हरियाणा और बंगलूरू में रहने वाले विधायकों का भी चिकित्सकीय परीक्षण किया जाना चाहिए। भोपाल लौटे सभी विधायकों का कोरोना वायरस का टेस्ट होगा।-पीसी शर्मा, मंत्री एमपी सरकार