मेडिकल साइंस में हमने काफ तरक्की कर ली है और इसमें अक्सर नई-नई रिसर्च होती रहती है। कई सारी रिसर्च के चमत्कारिक परिणाम भी हासिल होते हैं। ऐसी ही एक नई रिसर्च के मुताबिक आने वाले समय में एकमात्र ब्लड टेस्ट से 50 तरह के कैंसर का पता लगाया जा सकेगा। रिसर्च जर्नल एन्नल्स ऑफ ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, इस एकमात्र ब्लड टेस्ट से शुरुआती स्टेज में ही कैंसर का पता लगाया जा सकेगा। बोस्टन के डाना फार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता इस रिसर्च पर लगातार काम कर रहे हैं।
इस रिसर्च पर काम कर रहे शोधकर्ताओं का कहना है कि शुरुआती स्टेज में कैंसर का पता लग जाने पर इसका इलाज आसानी से संभव है। यह टेस्ट कैंसर का प्रकार तो बताएगा ही, टेस्ट से यह भी पता चल जाता है कि शरीर के किस हिस्से में कैंसर है। बोस्टन के डाना फार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट में इस रिसर्च का ट्रायल हो रहा है। बायोटेक्नोलॉजी कंपनी ग्रेल इंक ने इस टेस्ट को विकसित किया है।
इस रिसर्च पर काम कर रहे शोधकर्ताओं का कहना है कि शुरुआती स्टेज में कैंसर का पता लग जाने पर इसका इलाज आसानी से संभव है। यह टेस्ट कैंसर का प्रकार तो बताएगा ही, टेस्ट से यह भी पता चल जाता है कि शरीर के किस हिस्से में कैंसर है। बोस्टन के डाना फार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट में इस रिसर्च का ट्रायल हो रहा है। बायोटेक्नोलॉजी कंपनी ग्रेल इंक ने इस टेस्ट को विकसित किया है।
ग्रेल इंक कंपनी ने इसमें सिक्वेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हुए डीएनए की जांच की, जिनसे जीन की सक्रियता या निष्क्रियता का पता चला। इसमें ट्यूमर डीएनए में जाकर पूरे शरीर में ब्लड की मदद से सर्कुलेट होता है। इस टेस्ट में डीएनए में होने वाले रसायनिक बदलाव का विश्लेषण किया जाता है, जिससे कैंसर का पता शुरुआती स्टेज में ही चल जाता है।
इस रिसर्च के दौरान कुल 3,052 लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए, जिनमें 1,531 लोगों के कैंसर से पीड़ित होने का पता चला। शोधकर्ता डॉ. जेफ्री ऑक्सनार्ड के मुताबिक इस नए टेस्ट से यह भी पता चला कि जहां से कैंसर की शुरुआत हुई है, वे कौन से ऊतक हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस टेस्ट ने पहली स्टेज वाले 18 फीसदी कैंसर मरीजों के बारे में सही जानकारी दी, जबकि चौथी स्टेज के मरीजों के बारे में 93 फीसदी सही जानकारी दी। विशेषज्ञ बताते हैं कि ओ वाले समय में यह चिकित्सा जगत के लिए बहुत मददगार साबित होगी।