ग्राम पीपरखार में शासन की बाड़ी योजना बनी मददगार
सामूहिक सुघ्घर बाड़ी बना आजीविका का साधन
महिलाएं कर रही हैं कोरोना वायरस से बचाव के जतन
राजनांदगांव 22 अप्रैल 2020
पर्री में कभी भिण्डी, लौकी, कद्दू, बरबटी, टमाटर एवं अन्य सब्जियां एकत्रित करती महिलाएं गांव में तरक्की और खुशहाली ला रही हैं वहीं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। राजनांदगांव जिले के अंबागढ़ चौकी विकासखंड स्थित ग्राम पीपरखार की महिलाओं ने शासन की बाड़ी योजना के तहत एकता और संगठन से सामूहिक सुघ्घर बाड़ी में सब्जी उत्पादन के नवाचार को अपनाकर जय मां सरस्वती एवं मां शीतला समूह की 10 महिलाओं ने एक बानगी पेश की है। सामूहिक प्रयास जब दिल से किया जाए तो उसके सुखद और सार्थक परिणाम सामने आते हैं। इन महिलाओं के हाथ में है हसियां, फावड़ा और कुदाली, वहीं इनके मुठियों में है उन्नति की तकदीर।
प्रख्यात शायर निदा फाजली की यह पंक्तियां इनके लिए प्रासंगिक लगती है –
अच्छी संगत बैठककर, संगी बदले रूप।
जैसे मिलकर आम से, मीठी हो गई धूप।
कोरोना वायरस के बचाव के लिए महिलाएं सावधानी एवं जतन कर रही हैं। बुजुर्ग श्रीमती कैलाशवती ने कहा कि घर के कार्यों को पूरा करने के बाद हम सभी महिलाएं मिलजुलकर यहां परिश्रम कर कार्य करती है। पौधों को समय पर वर्मी कम्पोस्ट देने के साथ बंदरों से भी देखरेख करनी पड़ती है। गौठान से ही सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो जाता है। हरे-भरे लहलहाते इस बाड़ी में गंवारफली, खट्टाभाजी एवं करमता भाजी भी लगा रहे हैं।
गृहिणी श्रीमती उमादेवी सहारे ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना से तरक्की हो रही है और जीवन स्तर में सुधार आया है। उनकी यह योजना एक अभियान के समान है जो जन जागृति ला रही है। जिसके माध्यम से महिलाओं में भी संकोच की भावना दूर हुई है और वे कार्य करने के लिए आगे आ रही हैं। गृहिणी श्रीमती जानकी देवी मण्डावी ने कहा कि बाड़ी योजना से हम सभी को बहुत फायदा हो रहा है। अपने घर के लिए तो सब्जी की आपूर्ति होने के बाद गांव में भी सब्जी विक्रय कर रहे हैं, जिससे आजीविका चल रही है।