बेमेतरा 22 अपै्रल 2020:-बाल विवाह एक सामाजिक अभिशाप है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत 21 वर्ष से कम आयु के लड़के तथा 18 वर्ष से कम आयु की लड़की का विवाह प्रतिबंधित किया गया है। हमारे देश में बाल विवाह की कुप्रथा बड़े पैमाने पर रही है। आज भी देश के कई भागों में अक्षय तृतीया, रामनवमी, शिवरात्रि, बसंत पंचमी और अन्य त्यौहारों में बहुत से बच्चों का विवाह कर दिया जाता है।
बाल विवाह के दुष्परिणाम:- बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का निर्मम उल्लंघन है। कम उम्र में विवाह से बच्चों का बचपन नष्ट हो जाता है। बाल विवाह के कारण बच्चे खासतौर पर लड़कियां शिक्षा से वंचित रह जाती हैं। बाल विवाह से बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। शारीरिक रूप से अपरिपक्व लड़कियों से जन्मे नवजात शिशु में कम वजन खून की कमी व कुपोषण की आशंका बनी रहती है। ऐसे प्रसवों में शिशु मृत्यु दर और प्रसूता मृत्यु दर अधिक पाई जाती है। कानून के नजर में नाबालिकों के साथ यौन संबंध को उनके यौन उत्पीड़न और बलात्कार की श्रेणी में रखा गया है।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 18 वर्ष से अधिक आयु का पुरुष यदि 18 वर्ष से कम आयु की किसी महिला से विवाह करता है, तो उसे 2 वर्ष तक का कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि एक लाख रु. तक हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है। कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है या करता है अथवा उसमें सहायता करता है। उसको 2 वर्ष का कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि एक लाख रु. तक हो सकता है। अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है। कोई व्यक्ति जो बाल विवाह को बढ़ावा देता है या उसकी अनुमति देता है या बाल विवाह में सम्मिलित होता है, उनको 2 वर्ष तक के कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि एक लाख रु. तक हो सकता है अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है। यह कानून बाल विवाह के बंधन में बंधने वाले बालक/बालिका को अपना विवाह शून्य घोषित कराने का अधिकार प्रदान करता है।
बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अनुसार महिला एवं बाल विकास के जिला अधिकारी एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी घोषित किया गया है। बाल विवाह की सूचना अनुविभागीय दण्डाधिकारी पुलिस थाने में महिला बाल विकास विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी/कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सरपंच, कोटवार आदि को दी जा सकती है। इसके अतिरिक्त बाल विवाह के संबंध में सूचना पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति अथवा चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नंबर -1098 पर दी जा सकती है। बेमेतरा कलेक्टर श्री तायल द्वारा इस अपील के माध्यम से आम जनों को सूचित किया जाता है कि वह बाल विवाह की रोकथाम हेतु अपना योगदान प्रदान करें।
बेमेतरा : बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार दण्ड का भागीदार बाल विवाह को बढ़ावा देना एक अपराध
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