गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा पूरे देश में प्रथम चरण में 257 ऐसे स्थलों का चिन्हांकन किया गया है जहां भू-जल का स्तर नीचे है या आने वाले दिनों में यहां जल का स्तर कम हो सकता है, इन स्थलों में रायपुर जिले के धरसींवा और बलौद जिले के गुरूर ब्लाक भी शामिल है। इन स्थानों पर जल शक्ति अभियान के तहत एक जुलाई से 15 सिंतबर तक जल संरक्षण और संवर्धन की विभिन्न जनजागरूकता और जनसहभागिता की गतिविधियां आयोजित की जा रही है।
कलेक्टर डॉ. भारतीदासन ने बताया कि केन्द्र और राज्य सरकार की मंशानुरूप पूरे जिले में विशेषकर धरसींवा विकासखण्ड को फोकस करते हुए एक जुलाई से 15 सिंतबर तक स्थानीय लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए संचय जल-बेहतर कल थीम पर विशेष अभियान का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भू-जल का रिचार्ज, जल की उपलब्धता बढ़ाने तथा सिंचाई सुविधाओं में बढ़ोत्तरी करना है। इसके लिए जल संरक्षण और वाटर हार्वेस्टिंग के कार्य, परम्परागत जल संरचना और तालाब का पुर्ननवीनीकरण, वॉटरशेड के कार्य, बोरवेल संरचनाओं का रिचार्ज और उनका पुनः उपयोग तथा सघन वृक्षारोपण के कार्य प्रमुखता से किए जाएंगे। इसमें उद्योगों की भी भूमिका रहेगी। सभी औद्योगिक ईकाई अपने क्षेत्र और आस-पास के ग्राम पंचायतों में समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए जल संरक्षण और संवर्धन के कार्य संपादित कराएं।
सभी औद्योगिक इकाईयों तथा उनके आवासों में अनिवार्य रूप वाटर हार्वेस्टिग रहें। धरसींवा क्षेत्र में कोल्हान नाला बहुत बड़े क्षेत्र को कव्हर करता है अतः इसकी प्राथमिकता से सफाई का कार्य कराया जाए ताकि नाला से होकर पानी तालाबों और अन्य जल स्त्रोतों तक पहुंच सके। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौरव कुमार सिंह ने जल शक्ति अभियान के तहत धरसींवा ब्लाक में औद्योगिक इकाईयों के सहयोग से ग्रामवार किए जाने वाले जल संरक्षण और संवर्धन के कार्यो की रूपरेखा तय करते हुए मिशन मोड में आगामी दो माह में लक्षित कार्यो को पूर्ण करने को कहा ताकि इन कामों से क्षेत्र में अधिक से अधिक वर्षा के जल को संरक्षित किया जा सके।