卐 जय महाकाल 卐
प्रिय पाठको,
आज मैं आपको अष्टकूट मिलान, यानि जिसे हम कुंडली मिलान कहते हैं, उसमें सर्वाधिक महत्वपुर्ण मिलान नाडी मिलान होता है जिसे नाड़ी दोष के नाम से भी जाना जाता है, के बारे मे बताऊंगा और ये इसलिए भी बताने की इच्छा है कि मेरे एक रायपुर के मित्र ने भी इस बारे में लोगों के मन में जो भ्रांतियाँ हैं उसे दूर करने के लिए मुझसे कहा।
तो आइए सबसे पहले जानते हैं अष्टकूट मिलान में वह 8 प्रकार के कौन-कौन से कूट होते हैं, वो होते है वर्ण, वश्य, तारा, योनि, मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी ।इन 8 कुट मे सबसे विशेष महत्व नाड़ी को दिया गया है। ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि एक ही नाड़ी वाले जातकों का विवाह नहीं होना चाहिए।
ज्योतिष मे नाड़ी भी तीन प्रकार की मानी गई है आदि नाड़ी, मध्य नाड़ी और अंत्य नाड़ी। यदि दोनों जातकों की एक जैसी नाड़ी होती है तो ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना गया है की इनकी होने वाली संतान या तो देरी से होगी अथवा मंदबुद्धि अपंग अपाहिज होगी अथवा पति और पत्नी दोनों ही बीमारी से जीवन भर ग्रसित रहेंगे।
आज पश्चिम देशों में जिस प्रकार विवाह के पहले ब्लड ग्रुप की जांच की जा रही है कि कहीं दोनों जातको का एक ही ब्लड ग्रुप तो नहीं है अगर दोनों का एक ही ब्लड ग्रुप आता है तो वहां पर विवाह निषेध माना गया है क्योंकि एक ही ब्लड ग्रुप के जातकों का उनके होने वाली संतानों पर गहरा प्रभाव पड़ता है इसलिए एक ही ब्लड ग्रुप के जातको को विवाह को निषेध माना गया है। आज जो अमेरिका वगैरह में इनका प्रचलन बढ़ रहा है यही हमारी प्राचीन ज्योतिष शास्त्र में नाड़ी पद्धति मानी गई है ।नाड़ी का अर्थ नस से है और नसों में ब्लड का संचार होता है अर्थात अष्टकूट मिलान में नाड़ी का भी यही महत्व माना गया है।
किंतु ज्योतिष शास्त्र में नाड़ी दोष के कुछ परिहार भी बताए गए हैं जैसे दोनों की अगर एक ही राशि है और नक्षत्र अलग अलग है तो नाड़ी दोष का परिहार माना गया है, और यदि दोनों की नाड़ी राशि और नक्षत्र भी एक हैं किंतु नक्षत्रों के चरणों में विभिन्नता है तो भी नाड़ी दोष का परिहार माना गया है, और यदि दोनों ही की राशि तो अलग अलग है और नक्षत्र भले ही एक हो तो भी नाड़ी दोष का परिहार माना गया है इन परिस्थिति में जातक विवाह बंधन में बंध सकते हैं उन्हें नाड़ी दोष से मुक्त माना जाता है।
अंत में मैं पाठकों से यही कहना चाहूंगा कि अगर कुंडली मिलान में नाड़ी दोष है और उसका परिहार नहीं हो रहा है तो विवाहित संबंध स्थापित ना करें अन्यथा आपकी होने वाली संतान और आपके जीवन पर रोगों का पूरा असर पड़ सकता है।
अगर आप भी मुझसे इसके बारे में अपनी कुंडली से जानना चाहते हैं तो मेरे नीचे लिखिए नंबर पर कॉल करके मुझे संपर्क कर सकते हैं-
Astro Raju chhabra(devendre singh)
“”Kundli specialist”” Falit jyotish
Contact .Mb – 07747066452 , 7000029286