कल तक थे बॉडीबिल्डर, आज हैं सब्जी बेचने को मजबूर…….

रायपुर. कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण (Covid-19) के खतरे से बचने के लिए लागू लॉकडाउन (Lockdown) ने न सिर्फ लोगों की दिनचर्या पर असर डाला है. बल्कि आर्थिक स्थिति पर भी सितम ढाया है. ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में भी देखने को मिला है. रायपुर में बॉडी बिल्डर (body builder) और जिम ट्रेनर अब सब्जी (Vegetables) बेचने को मजबूर हैं. क्योंकि संक्रमण के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने 14 मार्च से ही प्रदेश में सभी जिम को बंद कर रखा है. आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक जिम ट्रेनर इन दिनों रायपुर सब्जी की दुकान लगा रहा है.

रायपुर से प्रकाशित में छपी खबर के मुताबिक एक ट्रेनर जो इंटरनेशनल फ्रैंचाइजी जिम में काम करता था, अब सड़क पर सब्जी-भाजी की दुकान लगा रहा है. इतना ही नहीं कई ट्रेनर खुद की फिटनेस को कायम रखने के लिए दूध, अंडे, प्रोटीन जैसी डाइट तक नहीं जुटा पा रहे हैं. रायपुर के पुराने शहर में 100 से ज्यादा जिम हैं. इनमें जिम में रोजाना 1000 से ज्यादा व्यक्ति बतौर फिटनेस ट्रेनर काम करते हैं. एक अनुमान के मुताबिक सामान्य तौर पर एक ट्रेनर महीने में 25 से 30 हजार या इससे भी ज्यादा की सैलरी पता है. लेकिन लॉकडाउन में जिम बंद होने से उनपर आर्थिक संकट मंडराने लगा है.

कुछ देते हैं पर्सनल ट्रेनिंग
राजधानी रायपुर में कई नौजवान जिम ट्रेनर ऐसे भी हैं जो दूसरी जगहों से यहां ट्रेनिंग देने आते हैं. कुछ जिम में काम करते हैं तो कुछ पर्सनल ट्रेनिंग भी देते हैं. खबर के मुताबिक आम तौर पर छोटे या बड़े जिम में एक क्लाइंट से औसतन 2-5 हजार महीने तक फीस ली जाती है. शहर में चल रहे बड़े जिमों में एक अनुमान के मुताबिक 15 हजार से ज्यादा क्लाइंट हैं. लॉकडाउन के कारण कई ट्रेनर को बीते दो महीने से सैलरी नहीं मिली है. कुछ ऐसे भी हैं जिनके पास घर का किराया देने तक के पैसे नहीं है.

इसलिए लगाई सब्जी-भाजी की दुकान

खबर के मुताबिक रायपुर में पांच लोगों के बड़े परिवार को चलाने वाले जिम ट्रेनर भूपेंद्र नायक के सामने लॉकडाउन में रोटी-रोजी का संकट आ गया. इसलिए उन्होंने मजबूरी में कटोरा तालाब में सब्जी-भाजी की दुकान लगाई है. उनके साथ परिवार में तीन छोटे भाई, मां और मामा रहते हैं. मूलत: बिहार के रहने वाले आलोक सिंह करीब पांच साल से रायपुर में फिटनेस ट्रेनर का काम कर रहे हैं. आलोक बताते हैं कि हेल्दी डाइट लेने के लिए एक ट्रेनर को औसतन पंद्रह हजार रुपए खुद पर खर्च करने पड़ते हैं. सैलरी नहीं मिल रही है. ऐसे में दूध अंडा प्रोटीन कुछ भी नहीं ले पा रहे हैं. अनहेल्दी खाना खाने और जिम नहीं जाने के कारण उनका वजन दस किलो से ज्यादा बढ़ गया है.

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