प्रयागराज. योगी सरकार (Yogi Government) द्वारा लॉकडाउन में शराब की दुकानें (Liquor Shops) खोले जाने के कदम को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में चुनौती दी गई है. योगी सरकार के फैसले के खिलाफ ऑनलाइन भेजे गए पत्र को जनहित याचिका के तौर पर स्वीकार करते हुए चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की पीठ मामले की सुनवाई करेगी.
गौरतलब है कि ने चीफ जस्टिस और रजिस्ट्रार जनरल को ऑनलाइन पत्र भेजा था. पत्र में वाइन शॉप पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन न होने का आरोप लगाते हुए बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है. हालांकि, पत्र में सरकार की मंशा और अर्थव्यवस्था को देखते हुए ऑनलाइन बिक्री या होम डिलीवरी का आदेश देने की कोर्ट से अपील भी की गई है. बता दें कि याची अधिवक्ता प्रयागराज और मेरठ में रेड लाइट एरिया को लेकर भी याचिका दाखिल कर चुके हैं. याची की जनहित याचिका पर कोर्ट ने प्रयागराज के मीरगंज और मेरठ के रेड लाइट एरिया पूरी तरह से बंद भी कराया था.
सोमवार को लॉकडाउन के तीसरे चरण की शुरुआत हुई. हालांकि, इस दौरान आम लोगों की परेशानियों को देखते हुए सरकार ने कुछ रियायत दी है. साथ ही राजस्व जुटाने के लिए रेड जोन के हॉटस्पॉट व कन्टेनमेंट इलाकों को छोड़कर सभी जगह शराब की बिक्री शुरू हो गई. सोमवार को जब 40 दिन बाद शराब की दुकानें खुली तो लोगों की बेतहाशा भीड़ दुकानों पर उमड़ पड़ी. इस दौरान कई जगह से ऐसी तस्वीरें भी आईं जहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गई. इतना ही नहीं, कई जगह से लाठीचार्ज की सूचना भी आई. जिसके बाद कई जगह शराब की दुकानों को बंद भी करना पड़ा.
सरकार के फैसले पर उठे सवाल
40 दिनों तक शराब की बिक्री पर रोक के बाद इसे खोलने के फैसले पर उस वक्त सवाल उठने लगे, जब प्रशासनिक लापरवाही और खुद लोग शराब के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाते दिखे. आलम यह था कि लोग जल्द से जल्द और ज्यादा से ज्यादा शराब बटोरने की होड़ में लगे रहे. उन्हें इन बात की भी परवाह नहीं थी कि वे खुद व अपने परिवार को खतरे में डाल रहे हैं.