महासमुंद. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में लॉकडाउन (Lockdown) के तीसरे चरण में शराब (liquor) की दुकानें खोल दी गई हैं. 40 दिन बाद 4 मई को सराकर द्वारा शराब की दुकानों का संचालन शुरू कर दिया गया है. दुकानों में शराब प्रेमियों की जमकर भीड़ लग रही है. लॉकडाउन में शराब बेचे जाने को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. बीजेपी ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाए हैं. बीजेपी का कहना है कि प्रदेश में शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस अब शराब बेचने पर आमदा है. जनता की सुरक्षा का सरकार को ख्याल नहीं है.
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बीते बुधवार को महासमुंद पहुंचे प्रवक्ता सुंदरानी ने कहा- शराब दुकान खोलकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां सराकर ने उड़ाई है. विश्व के बाद देश में भी कोरोना महामारी का संकट गहरा गया है. इस संकट से उबरने के लिए केंद्र सरकार ने अनेक उपाय किये हैं, इसमें एक उपाय लॉकडाउन का भी है. लॉकडाउन के दौरान पूरी तरह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है. सरकार ने शराब दुकानों को खोलवा कर जिस तरह से सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उड़ा रही है, उससे विगत 2 माह से लॉकडाउन का पालन कर रहे आम लोग चिंतित हो गए हैं.
शराब बेचने की निंदा
सुंदरानी ने कहा कि शराब दुकानों में उमड़ी बेतहासा भीड़ इसकी गवाह है कि सरकार स्वंय धारा 144 एवम सोशल डिस्टेसिंग का उल्लंघन कर रही है. सुंदरानी ने शराब बेचने के निर्णय की निंदा करते हुए कहा कि वह मीडिया के माध्यम से आने वाले तकलीफों को जनता को बताना चाहते हैं. 45 दिन के लॉक डाउन के असर को प्रदेश की सरकार ने 11-11 घंटे शराब दुकान संचालित कर बेकार करना चाहती है. नैतिकता के आधार पर प्रदेश सरकार को शराब बेचना उचित नहीं है. सरकार ने अपने घोषणा पत्र में भी शराबबंदी का जिक्र किया है और यह एक अच्छा मौका था, जिससे प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी की जा सकती थी. क्योकि लोगों को इसकी लत छूट रही थी. लेकिन इसके विपरीत सरकार शराब बेचने पर अमादा है.