छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड द्वारा प्रदेशभर में बनाए गए करोड़ो रुपए के मकान तथा व्यावसायिक परिसर खाली पड़े हैं. बिक्री नहीं होने के कारण मंडल की वित्तीय स्थिति गड़बड़ा गई है. अब वित्तीय स्थिति दुरुस्त करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज ले सकते है बैठक. छत्तीसगढ़ में खाली पड़े हाउसिंग बोर्ड के मकानों और व्यवसायिक परिसरों में छूट देने की हो सकती है घोषणा.
समीक्षा बैठक में समीक्षा इस बात की भी होनी चाहिए की करोड़ों के हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट किस अधिकारी के इशारे पर फटाफट निर्माण किया गया और टेंडर के अतिरिक्त अवैध भवनों का निर्माण कमोबेश सभी प्रोजेक्ट में किया गया यह सारे निर्माण किस अधिकारी ने या किस अवधि में निर्मित हुए और शासन का करोड़ों रुपया फालतू डम किया गया छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल में विगत 15 सालों से गृह निर्माण मंडल के नियमों को कभी भी पालन नहीं किया गया अगर उक्त नियमों का पालन किया जाता तो मार्केट का सर्वे और सर्वे एजेंसी की रिपोर्ट संबंधित टेंडर के साथ होना अनिवार्य होता तब जाकर हाउसिंग बोर्ड के द्वारा निर्मित प्रोजेक्ट तय सीमा में निर्माण हो जाता और तय सीमा में सभी मकान बिक जाते हैं इससे जनता का करोड़ों रुपया खराब नहीं होता और छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के भ्रष्ट अधिकारियों की जेब गर्म नहीं होती छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अधिकतर बड़े महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट मैं कई अवैध और अतिरिक्त भवनों का निर्माण किया गया समीक्षा बैठक में इस बात का सबसे पहले संज्ञान में लेना और दोषी भ्रष्ट अधिकारियों को तत्काल हाउसिंग बोर्ड से निलंबित कर नौकरी से बाहर करना सरकार का पहला फर्ज होना चाहिए भ्रष्ट अधिकारियों ने मिलीभगत कर विगत 15 सालों में जनता के पैसे की लूट की है और शासन को करोड़ों रुपए को बुरी तरीके से फंसा दिया है और अब समीक्षा की जा रही है के मकान बिकते क्यों नहीं हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने मार्केट के हवा के हिसाब से कभी भी मकान का निर्माण उसका प्रचार प्रसार और उसको विक्रय करने की कोशिश नहीं की क्योंकि सभी अधिकारियों का ज्यादा सा समय प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द निर्माण कंप्लीट कराने के और रहा ताकि कमीशन की रकम जल्दी और तत्काल प्राप्त कर.
वर्तमान में हाउसिंग बोर्ड में पोस्टिंग का जो खेल खेला गया है वह ताजुब है और सभी वर्गों के लिए आश्चर्यचकित करने वाला है जिस पद के लिए नॉनटेक्निकल व्यक्ति ही पात्रता रखता है वहां पर टेक्निकल व्यक्ति को बिठाकर और बड़े स्तर के अधिकारी को छोटे पद पर बिठाकर अपने पुराने घपले घोटाले को छुपाने की एक बहुत बड़ी साजिश और कोशिश है जबकि उक्त पोस्टिंग के लिए तीन ऑफिसर का नाम कमेटी के समक्ष रखना था हाउसिंग बोर्ड के डायरेक्टर और चेयरमैन तीन में से एक अधिकारी को चयन कर कर उस पोस्ट में पदस्थ करते हैं जो हाउसिंग बोर्ड के संविधान और नियम के अनुसार है इसका भी पालन नहीं किया गया इस बात की भी समीक्षा बैठक में समीक्षा होनी
ज्ञात रहे की खारुन ग्रीन प्रोजेक्ट में भी गलत तरीके से पाए गए प्रमोटी अधिकारी जब वहा पर पदस्त थे तो 10-10 लाख आंतरिक लेकर बेचने का प्रयास करते थे और बड़े अधिकारी का नाम लेकर मकान को रोककर रखते थे ऐसा ही उदहारण तत्कालीन सिविल जज के मकान के विषय में तत्कालीन बड़े अधिकारी का नाम लेकर रोके रखा तथा अनाप सनाप पैसे की मांग करने लगा तब जज साहब ने उस समय के कमिश्नर से बात की और कमिश्नर के संज्ञान लेने के बाद उक्त मकान नं.33 की रजिस्टरी करवाई थी.