सूरजपुर 30 मई 2020
वैष्विक बीमारी बनकर सामने आया कोरोना वायरस आज संकट का विषय बना हुआ है, हालांकि राज्य शासन और जिला प्रषासन के द्वारा वर्तमान स्थिति में काफी सुधार कर सभी वर्गो को राहत पहुॅचाने में सफल हो रही है। वायरस संक्रमण के प्रभाव को रोकने के लिए प्रदेष सहित जिले में लॉकडाउन किया गया है जिसकी सबसे बड़ी मार दिहाड़ी श्रमिकों को पड़ी और रोजगार छिन जाने से उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। इसी बीच मनरेगा योजना ऐसे श्रमिकों के लिए वरदान बनकर सामने आई और जिले में राज्य शासन के मंषानुसार जिला प्रषासन के द्वारा सुरक्षा मानकों के पालन को सख्त रखते हुए श्रमिकों को मनरेगा अंतर्गत विभिन्न कार्यो से जोड़ा गया जिससे सुरक्षित रूप से कार्यो को करके श्रमिको ने आमदनी अर्जित किया है। जो उनके लिए लॉकडाउन में बड़ी राहत बनकर सामने आया है।
मनरेगा योजना से श्रमिकों की समस्याओं को दूर करने के साथ जिले में विभिन्न विकास कार्यो को पूर्ण किया गया है जिसमें जल संवर्धन, भवन निर्माण, गौ षेड, पुलिया निर्माण, सड़क निर्माण के कार्य मुख्य रूप से निहित हैं। विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्तमान में जिले में 2680 कार्यो में 81639 श्रमिकों को कार्य दिया गया है। श्रमिक सुबह पांच बजे से कार्यस्थल पहुॅच कर कार्य कर रहे हैं और धूप तेज होने के पहले ही घर लौट आते हैं। इसके साथ ही कार्यस्थल पर जिला प्रषासन के द्वारा हाथ धोने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करते हुए साबुन व सेनिटाईजर की व्यवस्था कराई है। सभी श्रमिक कार्य के दौरान अनिवार्य रूप से मुंह गमछे अथवा मास्क से ढंककर कार्य कर रहें हैं।
जिले के समस्त छः विकासखंडों में मनरेगा अंतर्गत जल संरक्षण और आजीविका संवर्धन के कार्य को प्राथमिकता से स्वीकृत कराया जा रहा हैं। सभी विकासखण्डों में निजी डबरी, कुआं, भूमि सुधार, मेढ़ बंधान, तालाब निर्माण, पशु शेड निर्माण, गौठान निर्माण, चारागाह निर्माण, शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण, व्यक्तिमूलक फलदार वृक्षारोपण, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, हितग्राहियों के लिए बकरी शेड, मुर्गी शेड, महिला समूह के माध्यम से नर्सरी में पौध निर्माण, सिंचाई के लिए नाली निर्माण, गांव से जल निकास के लिए नाली निर्माण, बोल्डर डेम, चेक डेम, गेबियन निर्माण तथा महिला समूह के लिए वर्क-शेड निर्माण जैसे काम कराए जा रहे हैं।