सुशांत सिंह राजपूत: आत्महत्या से पहले के वो 12 घंटे! जानें कब, क्या और कैसे हुआ…

मुंबई.  फिल्म अभिनेता सुशांत ‌‌सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की आत्महत्या ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. किसी को ये यकीन ही नहीं हो रहा कि आखिर 34 साल कोई युवा आत्महत्या कैसे कर सकता है. पुलिस को अभी तक उनके प्लैट से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. फिलहाल आत्महत्या (suicide) की वजह डिप्रेशन बताई जा रही है. आईए एक नजर डालते हैं कि उनकी बॉडी मिलने से पहले घर में क्या कुछ हुआ. सुशांत ‌‌सिंह राजपूत के जीवन के वो आखिरी के 12 घंटे.

आत्महत्या से पहले यानी शनिवार को देर रात उन्होंने आखिरी कॉल दोस्त को की तो थी, लेकिन उनके दोस्त ने फोन नहीं उठाया था. वो दोस्त कौन था और रात के कितने बजे बातचीत हुई फिलहाल पुलिस ने उसकी जानकारी नहीं दी है. मुंबई पुलिस ने सुशांत सिंह के फोन को अपने कब्जे में ले लिया है. लेकिन डिजिटल लॉक के चलते अभी तक मोबाइल को खोला नहीं जा सका है.

रविवार सुबह हमेशा कि तरह सुशांत ‌‌सिंह राजपूत करीब 6 बजे के सो कर उठे. पुलिस के मुताबिक वो इसके बाद अपने कमरे में ही रहे

सुबह करीब 9:30 बजे उन्हें उनके नौकर ने अनार का जूस पीने के लिए दिया. जूस पीने के बाद वो अपने कमरे में चले गए. सुशांत सिंह के साथ दो स्टाफ रहते थे. एक केअर टेकर और दूसरा एक सेफ.

इसके बाद करीब 11 बजकर 30 मिनट के करीब सेफ ने दरवाजा खटखटाया. दरअसल वो दोपहर के खाने का मेन्यू लेना चाहते थे. लेकिन सुशांत सिंह ने दरवाजा नहीं खोला. ऐसे में सभी को लगा कि शायद सुशांत सोए हुए हैं.

इसके बाद दोपहर करीब 1 बजे एक बार फिर से सुशांत सिंह के दरवाजे को खटखटाया गया. अंदर से कोई आवाज़ नहीं आई. इसके बाद सेफ और नौकर ने क्रिएटिव मैनेजर को बुलाया. बता दें कि क्रिएटिव मैनेजर नीचे के फ्लैट में रहते थे, जिस फ्लैंट में सुशांत सिंह रहते थे वो एक डूप्लेक्स अपार्टमेंट है. मैनेजर ने दरवाजे पर जोर से आवाजें लगानी शुरू की. लेकिन अंदर से कोई हलचल नहीं हुई.

बाद में इन लोगों ने सुशांत सिंह राजपूत की बहन को फोन किया. उनकी बहन मुंबई के गोरेगांव में रहती हैं.

इसके बाद चाभिवाले की मदद से दरवाजा खोला गया. सुशांत सिंह राजपूत की लाश पंखे से लटकी पड़ी थी. इन लोगों ने बॉडी को नीचे उतारा.

घटना को लेकर पुलिस कमिश्नर रामबीर सिंह को 2 बजे के करीब कॉल आया. जिसके बाद मुम्बई पुलिस कमिश्नर ने डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे और बांद्रा पुलिस स्टाफ को सुशांत सिंह राजपूत के घर भेजा.

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