गांवो-कस्बों में सुविधा: कोरोना टेस्टिंग मोबाइल लैब लॉन्च, जांच को मिली रफ्तार

नई दिल्ली: तमाम कोशिशों के बाद भी देश में तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है। हर दिन लगभग दस हजार मामले सामने आ रहे हैं। इन सब के बीच टेस्टिंग को रफ्तार देने का प्रयास किया जा रहा है। गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने COVID-19 परीक्षण के लिए एक मोबाइल लैब लॉन्च किया है। वहीं आत्मनिर्भर भारत अभियान को लेकर यह एक बड़ी उपलब्धि बताई जा रही है

कौन-कौन से टेस्ट करने में होगा फायदेमंद

यह मोबाइल लैब कोरोना टेस्टिंग में काम आएगी और यह किसी भी इलाके में टेस्ट कर पाएगी। ये भारत की इस तरह की पहली मोबाइल लैब है। जानकारी के मुताबिक, ये मोबाइल लैब प्रतिदिन 25 RT-PCR टेस्ट, 300 ELISA टेस्ट कर सकती है। इसके अलावा इस लैब में टीबी, एचआईवी के भी कुछ टेस्ट करने की क्षमता होगी।

गांव-कस्बों में भी किया जा सकेगा इसका इस्तेमाल

वहीं इसे किसी भी क्षेत्र में ले जाया जा सकेगा। सरकार के मुताबिक, मोबाइल लैब का इस्तेमाल ऐसी जगहों पर किया जाएगा, जहां पर लैब की सुविधा उपलब्ध नहीं है। यानी मोबाइल लैब का इस्तेमाल गांव-कस्बों में भी किया जा सकेगा। इसकी मदद से ऐसे जगहों पर आसानी से टेस्ट किए जा सकेंगे।

बड़े ट्रक पर होगी लैबोरेटरी

बता दें कि रैपिड रैस्पांस मोबाइल लैबोरेटरी एक बड़े ट्रक पर होगी। जो किसी भी क्षेत्र में लाया जा सकेगा। देशभर के दूरगामी क्षेत्रों तक ये सुविधा पहुंचायी जा सकती है। इस लैब से देश के ग्रामीण, दुर्गम क्षेत्र और झुग्गी इलाकों में कोरोना टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।

अब हमारे पास हैं 953 लैब

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि हमारे देश में फरवरी में केवल एक ही वैब थी, लेकिन अब हमारे पास 953 लैब हैं। जिनमें से 700 सरकारी हैं। अब इसकी मदद से देश में कोरोना वायरस के लिए टेस्टिंग को रफ्तार दी जा सकेगी। अब कोविड के ज्यादा टेस्ट किए जा सकेंगे।

किस कंपनी ने किया तैयार?

बता दें कि आंध्रप्रदेश की कंपनी एएमटीजे ने इस आई-लैब का नाम दिया है। ये कंपनी थर्मल स्क्रीनिंग, वेंटिलेटर, कोविड-19 टेस्ट डिवाइस, 3 डी मास्क इत्यादि बनाती है। भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से इस लैब को तैयार किया गया है।

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