बैंकिंग फ्रॉड से छुटकारा दिलाने आरबीआई ने बनाया तगड़ा प्लान

नई दिल्ली

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकिंग फ्रॉड से छुटकारा दिलाने का तगड़ा प्लान बनाया है। दरअसल केंद्रीय बैंक ने खास नंबर सीरीज से बैकिंग कॉल और मैसेज को भेजने की सलाह दी है। इसका मकसद यूजर्स को आसानी से फ्रॉड कॉल और मैसेज की पहचान करना है। इसके लिए RBI ने शुक्रवार को बैंकों से कहा कि उनकी तरफ से ग्राहकों से लेन-देन के लिए केवल '1600xx' फोन नंबरिंग सीरीज का ही इस्तेमाल किया जाए, जिससे वित्तीय फ्रॉड को रोका जा सके। वही RBI का कहना है कि प्रमोशनल मैसेज या कॉल्स के लिए बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं को केवल 140xx' नंबरिंग सीरीज को इस्तेमाल में लाना चाहिए। RBI की नई गाइडलाइन को हर एक बैंक को 31 मार्च 2025 से पहले तक लागू करना होगा।

फ्रॉड रोकने की RBI की कवायद

RBI का कहना है कि डिजिटल लेन-देन के मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इसी से निजात दिलाने के लिए RBI ने सर्कुलर जारी करके कुछ प्रस्ताव रखे हैं। बता दें कि आज के वक्त में ग्राहक का मोबाइल नंबर आईडी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। मोबाइल नंबर को अकाउंट वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में ऑनलाइन पेमेंट के लिए OTPs और लेन-देन अलर्ट और अकाउंट अपडेट मोबाइल नंबर से हासिल किये जाते हैं, जो फ्रॉड की वजह बनते हैं।

बैंकिंग फ्रॉड की घटनाओं में कमी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सालाना रिपोर्ट की मानें, तो वित्त वर्ष 2020 में करीब 8,703 बैंकिंग फ्रॉड को अंजाम दिया गया है, जो कि अगले एक साल में वित्तीय वर्ष 2021 में घटकर 7,338 हो गये। हालांकि वित्तीय वर्ष 2022 में बैकिंग फ्रॉड की घटनाएं बढ़कर 9,046 हो गई। इसी तरह वित्तीय वर्ष में 13,564 बैंकिंग घटनाओं को अंजाम दिया गया है। जबकि वित्तीय वर्ष 2024 में सबसे ज्यादा 36,073 बैंकिंग फ्रॉड की घटनाएं हुई हैं।

कितने का हुआ बैंकिंग फ्रॉड

हालांकि इन बैंकिंग फ्रॉड में फ्रॉड ज्यादा हुई है, लेकिन पैसे की कमी दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2020 में 1,85,468 रुपये का बैंकिंग फ्रॉड हुआ। वही वित्तीय वर्ष 2021 में 1,32,389 रुपये का देश को बैंकिंग फ्रॉड के तौर पर नुकसान का सामना करना पड़ा है। वित्तीय वर्ष 2022 में यह आंकड़ा घटकर 45,458 रुपये रह जाता है। जबकि वित्तीय वर्ष 2023 में 26,127 रुपये और वित्तीय वर्ष 2024 में 13,930 रुपये रह जाता है।

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