मध्यप्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए विश्व बैंक और पीएचएफआई करेंगे रणनीतिक सहयोग

भोपाल

मध्यप्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में सुधार के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश की प्रबंध संचालक डॉ. सलोनी सिडाना से विश्व बैंक और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफ़आई) के प्रतिनिधियों ने एनएचएम कार्यालय भोपाल में सौजन्य भेंट की और स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और नवाचारों पर विचार-विमर्श किया।बैठक में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, स्वास्थ्य सेवाओं के उन्नयन और नवाचार आधारित नीतियों के क्रियान्वयन पर चर्चा हुई। इसके तहत स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण, नीति निर्धारण, स्वास्थ्य अमले की क्षमतावृद्धि और डिजिटल हेल्थ इनिशिएटिव्स पर सहयोग की संभावनाओं पर विचार किया गया।

स्वास्थ्य तंत्र को अधिक प्रभावी, सशक्त और समान बनाने के साथ-साथ प्रदेश के नागरिकों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए विश्व बैंक और पीएचएफ़आई की टीम रणनीतिक सहयोग प्रदान करेंगी। बैठक में विश्व बैंक से डॉ. अमिथ बी. नागराज (सीनियर हेल्थ स्पेशलिस्ट) और डॉ. जिज्ञासा शर्मा (हेल्थ इकोनॉमिस्ट) तथा पीएचएफआई से प्रो. हिमांशु नेगांधी (डायरेक्टर, एकेडमिक्स), प्रो. अनुप करन (हेल्थ इकोनॉमिस्ट), प्रो. राजेश नायर (डायरेक्टर, प्रोजेक्ट्स), डॉ. सुहैब हुसैन (हेल्थ इकोनॉमिस्ट) और डॉ. नव्या मिश्रा (साइंटिस्ट) उपस्थित रहे।

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल से वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि मंडल ने "गेटिंग हेल्थ रिफॉर्म राइट" फ्रेमवर्क के तहत मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुधार के लिए एक समग्र और साक्ष्य-आधारित अध्ययन कर सुझाव देने के लिए पूर्व में चर्चा की थी। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने विशेष रूप से शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) और मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मानकों में सुधार लाने की आवश्यकता पर जोर दिया था। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने प्रतिनिधि मंडल से कहा था कि मानकों में सुधार के लिए ऐसी रणनीतियां बनाई जानी चाहिए जो शॉर्ट टर्म में त्वरित प्रभाव दें साथ ही दीर्घकालिक समाधान भी प्रदान करें। इसी दिशा में एनएचएम, विश्व बैंक एवं पीएचएफआई रणनीतिक साझेदारी करेंगे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *