नई दिल्ली. कोरोना वायरस ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्था (Coronavirus impact on Indian Economy) पर कड़ा प्रहार किया है. इस पूरे मामले को लेकर पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (RBI Former Governor Raghuram Rajan) से खास बातचीत की है. उन्होंने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में सुधार के हल्के संकेत दिखाई दे रहे हैं. उनका कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना का बड़ा असर देखने को मिला है, जिसकी वजह से आर्थिक ग्रोथ में तेज गिरावट आई है. हालांकि, अब सुधार के हल्के संकेत मिल रहे हैं. रघुराम राजन अभी शिकागो बूथ स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में प्रोफेसर हैं. राजन को आर्थिक मामलों की जबर्दस्त समझ है. वे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री रह चुके हैं. उन्होंने 2008 में आए वैश्विक वित्तीय संकट के बारे में पहले ही बता दिया था. साल 2003 से 2006 तक आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री रह चुके हैं. उसके बाद उन्हें भारत में केंद्र सरकार ने अपना आर्थिक सलाहकार बनाया था. फिर उन्हें 2013 में आरबीआई का गवर्नर बना दिया गया. सितंबर 2016 तक वे इस पद पर रहे.
आपको बता दें कि कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए भारतीय सरकार की ओर से दिए गए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को नाकाफी बताया था. उन्होंने कहा था कि प्रवासी मजदूरों को पैकेज के तहत मुफ्त खाद्यान्न दिया गया है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. उन्हें दूध, सब्जी, खाद्य तेल खरीदने और किराया चुकाने के लिए पैसे की जरूरत है.
रघुराम राजन ने बताया कि सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिकी की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है. वहां पर भी डर का माहौल बनता जा रहा है. हालांकि, विकसित अर्थव्यवस्था के मुकाबले विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में कोरोना डेट रेट बेहद कम है. ऐसे में भारत को पूरे देश के लिए मेडिकल पॉलिसी लाने की जरुरत है.